हरिद्वार, 7 मई। विशनपुर कुंडी स्थित आदि योगी महापीठ के परमाध्यक्ष स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि मनुष्य को सदैव सतकर्म करने चाहिए। सतकर्म करने व सदमार्ग पर चलने वालों पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। राष्ट्र कल्याण हेतु आयोजित तीन दिवसीय विशेष धार्मिक अनुष्ठान के समापन पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति का पूरे विश्व में विशेष स्थान है और संत महापुरूष सनातन धर्म का गौरव हैं। सदैव परमार्थ के लिए समर्पित रहने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में भक्तों का कल्याण अवश्य होता है। सभी को सद्गुरू के सानिध्य में धर्म व अध्यात्म के अनुरूप आचरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर स्थापित करने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका है। संतों द्वारा सनातन धर्म का जो स्वरूप विश्व पटल पर प्रस्तुत किया गया है। उससे पूरी दुनिया सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति को अपना रही है। उन्होंने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान से सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि आदि योगी महापीठ धर्म संस्कृति व सेवा का प्रमुख केंद्र हैं और स्वामी आदियोगी महाराज भक्तों को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देने के साथ योग का ज्ञान प्रदान करने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्वामी आदियोगी महाराज की प्रेरणा से बड़ी संख्या में युवा धर्म, योग व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। जो कि बेहद सराहनीय है। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि संतों का जप तप सदैव राष्ट्र कल्याण के लिए होता है। संतों के जप तप से धर्म को गति मिलती है। उन्होंने कहा कि धर्मानुकुल आचरण करने से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। कष्टों से छुटकारा मिलता है और प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। इस दौरान संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान के लिए कार्यो की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। संतों ने अवैध मजारों को हटाए जाने के सरकार के निर्णय का भी स्वागत किया। कार्यक्रम में सम्मिलित हुए संतों का विजय सारस्वत, अतुल त्यागी, राजीव चैधरी, अमित वालिया, राजेश रस्तोगी ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर बाबा बलराम दास हठयोगी, महंत जसविन्दर सिंह, महंत रघुवीर दास, स्वामी संतोषानंद, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, स्वामी शिवानंद, महंत निर्भय, महंत जसकरण सिंह सहित अनेक संत महापुरूष व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।