हरिद्वार– आपदा प्रबन्धन के तहत सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार, रोशनाबाद में 02 दिसवीस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण में श्रीमती मीरा रावत, आपदा प्रबन्धन अधिकारी द्वारा सर्वप्रथम समस्त प्रतिभागियों को जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से स्वागत किया गया एवं प्रशिक्षण में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों ने अपना परिचय एवं कार्यक्षेत्र के विषय में अवगत कराया । श्रीमती मीरा रावत, आपदा प्रबन्धन अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले कुल 65 होमगार्ड जवानों को आपदा सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की गयी।उक्त आयोजित प्रशिक्षण में श्री राकेश जायसवाल, समन्वयक, आपदा प्रबन्धन केन्द्र, देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा बतौर मास्टर ट्रेनर प्रतिभाग किया गया। उनके द्वारा पी0आर0डी0 जवानों को आपदा क्या है ? आपदा प्रबन्धन के चरण क्या है ? उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति के आधार पर आपदाए कितने प्रकार की होती है ? उनसे बचाव के लिए तैयारी कैसे करनी चाहिए ? पी0आर0डी0 जवानों को अपने क्षेत्र में अपनी डृयूटी के साथ-साथ जन जागरुकता कैसे फैलाये आदि विभिन्न विषयों पर गहराई से प्रशिक्षण व आपदा प्रबन्धन के गुर सिखाये गये। इसके अतिरिक्त श्री राकेश जायसवाल, द्वारा भूकम्प रोधी भवनों के लिए सावधानी अपनाने तथा बाढ़, भूकम्प आदि से बचाव तथा आपदा प्रबन्धन टीम को कैसे गठित करें आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी। श्री अनिल सैनी, तथा राजकुमार, रेडक्रास प्रशिक्षक द्वारा भी फस्ट ऐड किट के बारे में जानकारी देते सांप, बिच्छु, कुत्ते आदि के काटने से बचाव के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी एव आपदा अथवा किसी भी दृद्र्यटना की स्थिति में पीडित को किस प्रकार अस्पताल तक पहुचाना तथा क्या फस्ट ऐड कैसे दिया जाना है का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इसी क्रम में श्रीमती रश्मि पन्त, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, हरिद्वार तथा श्री विजेन्द्र नेगी, प्रोजेक्ट ट्रेनर, सुश्री सरोज रावत, द्वारा भी रोड सुरक्षा के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए तथा उससे बचाव के उपाय आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। उनके द्वारा बताया गया कि रोड सुरक्षा के दृष्टिगत 06 नियमों पालन करना अनिवार्य है, रेड लाईट जम्प, आॅवर लोडिंग, वाहन चलाते हुए मोबाईल का प्रयोग न करना, गति नियत्रण, अत्याधिक भार वाहन का प्रयोग, नशे के दौरान वाहन का प्रयोग करना अन्यथा की स्थिति में आपका लाईसेन्स कम से कम 03 माह, 06 माह या उससे अधिक समय के लिए जब्त किया जा सकता हैं, आदि नियमों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी।
कार्यक्रम के अंत में श्रीमती मीरा रावत, आपदा प्रबन्धन अधिकारी, द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले समस्त प्रतिभागियों से प्रशिक्षण के समबन्ध में फीड बैक लिखित प्राप्त तथा भविष्य में आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों को बेहतर बनाये जाने हेतु उनके सुझाव आदि प्राप्त किये गये तथा उनके आह्वान पर जो स्वयेसवक भविष्य में आपदा प्रबन्धन प्राथमिक सहायता को प्राशिक्षण प्राप्त करने चाहते है, अपना नाम स्वेच्छा से विभाग के माध्यम से आपदा प्रबन्धन को उपलब्ध करा सकते है एवं सभी प्रशिक्षण टीम व प्रतिभागियो को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रशिक्षण का समापन किया गया।