हरिद्वार, 6 दिसम्बर– महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने जेएनयू में दीवारों पर विवादित नारे लिखने की आलोचना करते हुए इसे भारतीय संस्कृति को बिगाड़ने का प्रयास बताया। श्री दक्षिण काली मंदिर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने जेएनयू में दीवारों पर विवादित नारे लिखने की निंदा करते हुए कहा कि जेएनयू से बड़े बड़े श्रेष्ठ विद्वान निकले हैं। लेकिन आज विवि की दीवारों पर देश को तोड़ने की बातें लिखी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा तंग किया जाएगा तो वे दस हजार नागा सन्यासी जेएनयू भेज दें तो क्या होगा। लेकिन ऐसी परिस्थिति नहीं आनी चाहिए। विवाद उत्पन्न करने वालों की गतिविधियों पर लगाम लगनी चाहिए। यदि लगाम नहीं लगी तो प्रधानमंत्री को विवश होकर ऐसे लोगों के लिए व्यक्तिगत कानून बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ऐसा कानून बनने पर उन्हें विवश होना होगा। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व बहुत थोड़े हैं जो देश की परंपराओं को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों की वजह से एक पूरे समुदाय को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। देश का माहौल बिगाड़ रहे असामाजिक तत्वों और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।