देहरादून समाचार– उत्तराखण्ड क्षेत्र के मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से उत्तराखण्ड में शीतलहर से प्रभावित होने वाले मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी, कुहरा आदि से सम्बन्धित घटनाओं की संभावना और उसकी तीव्रता से अवगत कराते हुए उससे निपटने के लिए कारगर प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
इसके पश्चात् मुख्य सचिव द्वारा प्रत्येक जनपद से शीतलहर को लेकर की गई पूर्व तैयारी, बनाये गये प्लान और उनके संसाधनों इत्यादि की जानकारी लेते हुए विभिन्न जनपदों का शीतलहर से निपटने के लिए संसाधनों की डिमान्ड इत्यादि की जानकारी ली।
इस दौरान विभिन्न जनपदों द्वारा शीतलहर से निपटने के लिए अपने-अपने जनपद स्तर पर बनाये गये SOP (स्टेडर्ण्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तथा उपलब्ध संसाधनों से अवगत कराते हुए उनके जनपदों में पड़नेवाली अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता से अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबन्धन से जुड़े अधिकारियों को प्रत्येक जनपद द्वारा की गयी संसाधनों को बढ़ाने तथा अतिरिक्त संसाधनों की मांग को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शीतलहर के दौरान आवश्यकतानुसार जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में अलाव जाते रहेंगे, रैनबसैरों को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाए अथवा उनकी क्षमता बढ़ाई जाए। जिन जनपदों में बर्फ के चलते सड़क जाम की समस्या आती है, वहाँ पर पर्याप्त मात्रा में स्नोफाँल मशीन, जे.सी.बी. और प्रशिक्षित कार्य बल उपलब्ध कराया जाए।
सभी जनपद इस बात को सुनिश्चित कर लेंगे कि शीतलहर के सीजन में उनके यहाँ पर्याप्त खाद्य आपूर्ति का स्टॉक उपलब्ध हो या निर्बाध आपूर्ति बरकरार बनी रहे। रैनबसैरों में पर्याप्त मात्रा में कम्बल उपलब्ध हो और उसमें पेयजल, शौचालय तथा पर्याप्त साफ-सफाई उपलब्ध हो। कोविड-19 से अधिक प्रभावित मैदानी जनपदों को रैनबसैरों में अतिरिक्त कम्बल की आपूर्ति की जाए जिससे कोरोना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत् कम्बल-बिस्तर की अदला-बदली की जा सके।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने दूरभाष नं0 को बेहतर और प्रभावी सूचनाओं के आधार प्रदान हेतु आदन-प्रदान करने और रिमोट एरियाज में सूचना बोर्ड पर आपातकालीन स्थिति के लिए महत्वपूर्ण अधिकारियों के मोबाइल नं0 चस्पा करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्य में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए भी तथा आपात स्थिति में उनके लिए जरूरी व्यवस्थाएँ पूर्व में ही संपादित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान बैठक में प्रभारी सचिव आपदा प्रबन्धन एस.ए. मुरूगेशन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण रिद्विमा अग्रवाल, जिलाधिकारी देहरादून डॉ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव, अधिशासी निदेशक राज्य आपदा प्रबन्धन डॉ0 पीयूष रौतेला सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे