हरिद्वार, 17 फरवरी।
8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के साथ ही भारत सरकार की ओर से गतिविधियां शुरू कर दीगई हैं। अभी आठवें वेतन आयोग का विधिवत गठन नहीं हुआ है लेकिन भारत सरकार को वित्त विभाग ने आयोग के विचाराधीन संदर्भित शर्तों (टर्म्स ऑफ रिफरेन्स) के निर्धारण हेतु संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं।
राजकीय पेंशनर्स मंच ने एक राष्ट्र-एक वेतन-एक पेंशन पर विचार करने का अनुरोध किया है और पर्वतीय राज्यों की परिस्थितियों पर विशेष ध्यान देने का सुझाव भारत सरकार के भेजा है। केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियां केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए लागू होती हैं किंतु राज्य सरकार के कर्मचारि- पेंशनर्स भी प्रभावित होते हैं इसलिए शासन ने 28 राज्यों के शासन से उनके कार्मिकों के पक्ष में हितकारी सुझाव आमंत्रित किये हैं।
केंद्रीय संगठनों और राज्यसरकारों से सुझाव लेकर यह निर्धारित किया जाएगा कि वेतन आयोग को किन विषयों पर विचार कर संस्तुति देनी है। वेतन आयोग के सन्दर्भ शर्तों के विचार हेतु कर्मचारी संगठनों के साथ साथ पेंशनर्स के संगठनों ने भी अपने खुले विचार भारत सरकार और दोनों राज्यों को प्रेषित किये है ।
इस क्रम में पहल करते हुए उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच ने पांच सूत्रीय सुझावपत्र केंद्र सरकार को प्रेषित कर दोनों प्रदेशो से अपनी सहमति हेतु अनुरोध किया है। मंच के शीर्ष सलाहकार मण्डल द्वारा लिए गए निर्णय पर मुख्य संयोजक जे पी चाहर ने पेंशनर्स की ओर से भारत सरकार के वित्त सचिव और दोनों राज्यो के अपर मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। पेंशनर्स मंच के मुख्य संयोजक जे पी चाहर ने भारत सरकार को आगाह किया है कि पेंशनर के सम्बंध में कोई फैसला करने से पहले उनके संगठनों का पक्ष भी जानलें।
इस अवसर पर मंच के संयोजक एल सी पाण्डेय ने राज्य के पेंशनर्स को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह चिकित्सा सुविधा देने की मांग की है। बी पी चौहान व आर के जोशी ने उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों तथा पलायन की समस्या को ध्यान में रखकर प्रतिबंध रहित पर्वतीय विकास भत्ता, सीमांत भत्ता और नगरों के वर्गीकरण करने का सुझाव दिया।
सुझावों की श्रखला में जरूरी बिंदुओं पर विचार विमर्श में जे पी चाहर, आर के जोशी, बी पी चौहान, एल सी पाण्डेय, मंजू सिंह, पवन कुमारी, मधु सिंह, सुधा त्यागी, रामवीर सिंह, वीर सिंह, एम पी सिंह, बी पी सिंह सैनी, अतर सिंह, पंकज गुप्ता, अनिरुद्ध शर्मा, विमल प्रताप, मनोज शर्मा, सत्यवीर सिंह, रामसरीख, भूपेंद्र सिंह,अनिल गुप्ता शिवकुमार शर्मा,राकेश चौहान, पी के सिंह आदि शामिल रहे। मुख्य संयोजक जे पी चाहर ने बताया कि पेंशन आयोग के विधिवत गठन के बाद विस्तृत सुझाव और तर्क आयोग को भेजे जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *