हरिद्वार
उत्तर प्रदेश उत्तराखंड पेंशनर्स समन्वित मंच के मुख्य संयोजक जे पी चाहर ने केंद्रीय बजट को पिछले दस वर्षों की तुलना में बेहतर बजट बताते हुए स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि बीते दस वर्षों से मध्यम वर्ग और खासकर नौकरी पेशा व पेंशनर के लिए कोई राहत सरकार नहीं देती थी उल्टा बढ़े हुए महंगाई भत्ते को इनकम टैक्स के रूप में वापस लेती रही है।
चाहर ने बजट को अपेक्षाकृत संतोषजनक बताते हुए कहा कि स्टैण्डर्ड डिडक्सन को कम से कम डेढ़ लाख किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पेंशनर की माँग पर विचार कर पेंशन को आय कर से मुक्त रखना चाहिए था। चाहर ने बताया कि अगले वर्ष जनवरी से आठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू हो जाने की दशा में कर्मचारी पेंशनर्स को मिलने वाली कुल परिलब्धियों में बृद्धि होगी जो इस सीमा तक पहुंचने की संभावना है कि प्रत्येक कर्मचारी तथा पेंशनर को टैक्स देना पड़ेगा और नतीजा बराबर ही रहसकता है।
चाहर ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि आयकर व्यवस्था को जटिल बनाकर करदाताओं को परामर्शदाताओं के पास जाने को बाध्य किया गया है जिससे कर्मचारी पेंशनर का शोषण होसकता है।
उन्होंने एक बार फिर पेंशन को आयकर से मुक्त रखने का मुद्दा दुहराया है।