देहरादून
आज रविवार दिनांक 9 मार्च 2025 को प्रबंध निदेशक युपीसीएल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों, अधीक्षण अभियंताओं के साथ राज्य में स्मार्ट मीटर स्थापना की प्रगति व शतप्रतिशत राजस्व वसूली विषय पर एक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में प्रबंध निदेशक UPCL के साथ निदेशक (परिचालन), सभी मुख्य अभियंताओं व अधीक्षण अभियंताओं के साथ साथ अन्य क्षेत्रीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया तथा बैठक में प्रदेश भर में लग रहे स्मार्ट मीटर में बिलिंग प्रक्रिया पर विशेष तौर पर विचार साझा किए गए। चूंकि आर०डी०एस०एस० योजना के तहत प्राथमिकता पर सभी सरकारी प्रतिष्ठानों/कार्यालयों/भवनों पर स्मार्ट मीटर लगाये जाने हैं। इस सम्बन्ध में पूर्व में मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन द्वारा सभी प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर भी निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ सरकारी प्रतिष्ठानों/कार्यालयों/भवनों पर प्राथमिकता पर स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में तेजी लायें और यूपीसीएल को पूर्ण सहयोग प्रदान करें। इसी क्रम में आज प्रबंध निदेशक महोदय ने सरकारी कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाने की प्रगति समीक्षा की और 31 मार्च तक लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश भी दिए।
साथ ही बैठक के दौरान प्रबंध निदेशक, UPCL द्वारा सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निम्नानुसार निर्देशित किया गयाः
• माह मार्च में सभी क्षेत्र, मण्डल एवं खण्ड अपने-अपने राजस्व लक्ष्य प्राप्त करें।
• सभी उपभोक्ताओं को बिल समय से प्राप्त कराये जायें।
• वर्तमान में स्मार्ट मीटर भी लगाये जा रहे हैं। जिन उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर लगा दिए गए है उनको भी Physical बिल पूर्व की भाँति अग्रिम आदेशों तक वितरित किए जाते रहेंगे।
• जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर तथा ईमेल उपलब्ध है उन्हें physical बिल के साथ-साथ SMS/Email के माध्यम से भी बिल उपलब्ध होते रहे जिससे राजस्व वसूली को गति मिलती रहे।
• स्मार्ट मीटर लगाये जाने के दृष्टिगत स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके उपभोक्ताओं को digital बिल की delivery बिल की प्राप्ति के रूप में मान्य कराए जाने के संबंध में मा० उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अनुरोध/petition दाखिल किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
प्रबन्ध निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि स्मार्ट मीटर प्रणाली की स्थापना का यह कदम न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य में ऊर्जा प्रबन्धन के तरीकों में भी सुधार लायेगा। यह पहल उपभोक्ताओं को बिजली उपयोग के प्रति जागरुक बनायेगी तथा उन्हें बेहतर सेवायें प्रदान करने में मददगार साबित होगी।