हरिद्वार, 23 फरवरी। पतंजलि विश्वविद्यालय में रविवार को वार्षिकोत्सव ‘अभ्युदय’ के अंतर्गत खेल प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ किया गया। 23 फरवरी से 27 फरवरी तक चलने वाले इस ‘नॉक-आउट’ प्रतियोगिता का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। इस मौके पर पतंजलि विवि के कुलसचिव आलोक कुमार सिंह ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि “खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि आत्मअनुशासन, सहयोग और खेल भावना का प्रतीक हैं।” उन्होंने सभी प्रतिभागियों से खेलों को अनुशासन, समर्पण और सौहार्द्र के साथ खेलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा की राष्ट्र के विकास में युवाओं की अहम भूमिका है, वहीँ युवाओं का सर्वांगीण विकास खेलों के आभाव में संभव नहीं है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलानुशासक आर्षदेव ने प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों से आक्रामकता के साथ-साथ जीत के लिए खेल खेला जाने की बात कही । उन्होंने कहा कि खेल केवल भागीदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लक्ष्य को प्राप्त करने की मानसिकता भी उतनी ही आवश्यक है। खिलाड़ी खेल भावना को बनाए रखते हुए अपने श्रेष्ठतम प्रदर्शन के लिए प्रयास करें।”
प्रतियोगिता में दौड़, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, बैडमिंटन जैसे खेलों को शामिल किया गया है। पहले दिन रोमांचक मुकाबले देखने को मिले, जिनमें खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और खेल भावना का अद्भुत परिचय दिया। इस नॉकआउट प्रतियोगिता के विजेता आगामी 28 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित होने वाले वार्षिकोत्सव ‘अभ्युदय’ के फाइनल राउंड में हिस्सा लेंगे। इस दौरान विभिन्न खेलों के निर्णायक मुकाबले खेले जाएंगे और विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। आभार व्यक्त करते हुए प्रतियोगिता के मुख्य समन्वयक डॉ. भागीरथी खेलों ने कहा कि प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों में टीम वर्क, सहनशीलता और आत्मविश्वास का विकास होता है। इस मौके पर पतंजलि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए.के. सिंह , डीन छात्र-कल्याण डॉ. बिपिन दूबे सहित सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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