हरिद्वार, 4 अप्रैल। पतंजलि विश्वविद्यालय में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा और करियर से संबंधित विषयों पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 2013 उत्तीर्ण कर आईपीएस बनीं उत्तराखंड पीएसी 40वीं बटालियन की कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक मजबूत और सकारात्मक अध्ययन माहौल (इकोसिस्टम) तैयार करना आवश्यक है। उन्होंने “पावर ऑफ कंसिस्टेंसी” यानी निरंतरता के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि अनुशासन, आत्मविश्वास और धैर्य सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने इस परीक्षा में मानसिक दृढ़ता, समर्पण और सही दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने विद्यार्थियों को समय प्रबंधन, विषय चयन, उत्तर लेखन कला, करंट अफेयर्स की तैयारी, मॉक टेस्ट की भूमिका और आत्ममूल्यांकन के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए एक संगठित रणनीति अपनाना जरूरी है, जिसमें नियमित अध्ययन, रिवीजन और मानसिक मजबूती का विशेष योगदान होता है।
इस व्याख्यान सत्र में छात्रों ने यूपीएससी परीक्षा की रणनीति, अध्ययन सामग्री, वैकल्पिक विषय चयन, उत्तर लेखन तकनीक और साक्षात्कार की तैयारी से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे। तृप्ति भट्ट ने सभी प्रश्नों का विस्तार से उत्तर देते हुए छात्रों को अपने अनुभवों से प्रेरित किया और उन्हें तैयारी के दौरान आने वाली चुनौतियों से उबरने की सलाह दी।
पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. मयंक कुमार अग्रवाल ने तृप्ति भट्ट को उनके प्रेरणादायक सत्र के लिए धन्यवाद दिया और इस तरह के सत्रों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया। इस व्याख्यान के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की महत्वपूर्ण जानकारी मिली, बल्कि वे एक सफल करियर के निर्माण के लिए भी प्रेरित हुए।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलसचिव आलोक कुमार सिंह, कुलानुशासक आर्षदेव, डीन आकादमिक डॉ. ऋत्विक बिसारिया के साथ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, संकायाध्यक्ष, संकाय सदस्य उपस्थित रहे।