देहरादून, 01 मार्च। उपनल के 21वें स्थापना दिवस के अवसर पर सुबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व सैनिकों और उपनल कार्मिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिनमें प्रमुख रुप से उपनल के वेलफेयर फंड के माध्यम से प्रदेश के सभी 13 जनपदों के एक-एक गांव में सैनिक कल्याण के क्षेत्र में विकास कार्य किए जाएंगे। इसी प्रकार, उपनल कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु होने पर दिये जाने वाली तात्कालिक राशि को एक लाख से बढ़ाकर रुपये 1.50 लाख करने तथा मुख्यमंत्री राहत कोष में 01 करोड़ की धनराशि दिये जाने की घोषणा की।
शनिवार को देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में आयोजित उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड के 21वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उपनल के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में जिस उद्देश्य से उपनल की स्थापना की गई थी, वह उद्देश्य आज भी पूरी तरह से सार्थक किया जा रहा है। पूर्व सैनिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए गठित उपनल ने न केवल पूर्व सैनिकों, बल्कि वीर नारियों एवं उनके आश्रितों को भी रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अधिकांश सैनिक 35 से 40 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं, जिस समय उनके ऊपर परिवार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ होती हैं। ऐसे में, उपनल इन पूर्व सैनिकों, वीर नारियों एवं उनके आश्रितों को रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने घोषणा के बाद अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में मंत्रिमण्डल द्वारा उपनल को देहरादून के गुनियालगांव में निशुल्क भूमि दिये जाने पर सहमति दी है। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सैनिकों और पूर्व सैनिकों के परिवारों को सुविधाएं प्रदान होगी और उनके क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपनल के कार्यालय के निर्माण के लिए भूमि का चयन हो गया है, और एक वर्ष के भीतर उनपल के कार्यालय का भी निर्माण कर लिया जाऐगा। उन्होंने बताया कि अब तक उपनल के माध्यम से लगभग 24,746 बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। पिछले एक वर्ष में 2,500 पूर्व सैनिकों को विभिन्न राज्यों में नियुक्ति दी गई है, और इतने ही पूर्व सैनिकों को और नियुक्ति देने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रयास से उपनल को वार्षिक लगभग 40 करोड़ रुपये का सर्विस चार्ज मिलने की संभावना है। सैनिक कल्याण मंत्री ने उपनल की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन प्रदेश में पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है और सरकार की ओर से इसे हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
स्थापना दिवस समारोह को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के माध्यम से सम्बोधित किया। उन्होंने उपनल के कार्मिकों तथा उपनल के माध्यम से प्रायोजित कार्मिकों को स्थापना दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जल्द ही उपनल के माध्यम से विदेशों में भी नौकरी मिलेगी। उन्होंने राज्य के सभी पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारजनों को भी बधाई दी।

*21वें स्थापना दिवस पर इन उपनल कार्मिकों को किया गया सम्मानित* – स्थापना दिवस इस अवसर पर उपनल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। डीजीएम मेजर (सेनि) हिमांशु रौतेला, सूबेदार मेजर राजेंद्र प्रसाद, हवलदार सुभाष चंद्र ज़ख्मोला, हवलदार बाबूराम क्षेत्री, नायक सतेश्वर प्रसाद सती, संजय रावत, प्रियंका नेगी, नायक जीत पाल सिंह, सूबेदार दीपक सिंह नेगी।

इस अवसर पर सैनिक कल्याण सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, उपनल चेयरमैन मेजर जनरल (सेनि) सम्मी सभरवाल, उपनल के प्रबंध निदेशक बिग्रेडियर जेएनएस बिष्ट, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, ले0 जनरल टीपीएस रावत, ले0 जनरल जयवीर सिंह नेगी, ले0 जनरल गंभीर सिंह नेगी, मेजर जनरल गुलाब सिंह रावत, ब्रिगेडियर रमेश भाटिया, मेजर जनरल एमएस असवाल, मेजर जनरल आनंद सिंह रावत, कर्नल रघुवीर सिंह भंडारी, पीटीआर शमशेर सिंह बिष्ट, कैप्टन धनराम नैनवाल, कर्नल सतीश शर्मा, ले0 कर्नल रौतेला सहित कई उपनल के कार्मिक और पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।

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