देहरादून: उत्तराखंड में वन विभाग में जल्द ही प्रभागीय वनाधिकारी बनाने के लिए राज्य सरकार ने वन विभाग में प्रभारी डीएफओ बनाने की कसरत जोर शोर से शुरू कर दी है। शासन डबल चार्ज की व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करते हुए अब इन खाली डिविजनों में प्रभारी डीएफओ तैनात करने जा रहा है। इसके लिए वन मंत्री और शासन स्तर पर भी अधिकारियों का चिंतन हो चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही विभिन्न डिविजनों में प्रभारी डीएफओ तैनात किए जाएंगे।प्रभारी डीएफओ बनाए जाने का निर्णय दरअसल, वन विभाग ने अब एक से ज्यादा चार्ज वाले प्रभागों में प्रभारी डीएफओ बनाए जाने का निर्णय लिया है। खास बात ये है कि पिछले लंबे समय से सहायक वन संरक्षक भी प्रभारी डीएफओ बनने की राह देख रहे थे, लेकिन लंबे समय से इस मामले पर विचार होने के बावजूद शासन स्तर से निर्णय नहीं लिया जा रहा था।

वन मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा  मिडिया में दिए गए बयान में बताया कि वन अधिकारियों विशेषकर डीएफओ स्तर के अधिकारियों की कमी के चलते प्रभारी डीएफओ बनाए जाने के फार्मूले पर उच्च अधिकारियों से हुई है।  प्रभागों में प्रभारी डीएफओ तैनात किए जाने के लिए शासन के अधिकारियों और वन विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बातचीत कर समस्या का समाधान करने का खाका तैयार किया गया है। इस दौरान वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि जल्द ही विभिन्न सहायक वन संरक्षकों को प्रभागों का चार्ज दिया दे दिया जाएगा इसके लिए विभाग स्तर पर अधिकारियों के साथ बातचीत की जा चुकी है। 

  वरिष्ठता नहीं होगी आधार – 

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार प्रभागीय वनाधिकारी बनाने के मानकों में वरिष्ठता को आधार नहीं  बनाए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है। खबर है कि वन विभाग में सहायक वन संरक्षकों (ACF) को सीनियरिटी के आधार पर नई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। इसके लिए वन विभाग के स्तर पर दिए गए सुझावों के आधार पर सहायक वन संरक्षकों के नाम तय किए जाएंगे।

 वन मंत्रालय और सरकार के इस निर्णय से निश्चित रूप में डीएफओ बनने के सपने संजोए एसीएफ स्तर के अधिकारी सरकार के इस निर्णय से आक्रोशित अवश्य होंगे जिसमें वन विभाग में कर्मचारियों में असंतोष फैलेगा और वन विभाग के कार्य प्रभावित होंगे। वहीं अधिकारी और कर्मचारियों के बीच खाईयां बढ़ेगी जो राज्य सरकार और विभाग के लिए मुसीबतें बढ़ाएंगे।