हरिद्वार, 9 मई। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि भारत और नेपाल का रिश्ता अटूट है। श्री गरीबदासीय आश्रम के स्वामी रविदेव शास्त्री व स्वामी हरिहरानंद के संयोजन में पतंजलि योगपीठ आए नेपाल के काठमांडू के श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि भारत और नेपाल की सांझी सांस्कृतिक विरासत है और प्राचीन काल से ही दोनों देशों के बीच अटूट रिश्ता रहा है। सनातन धर्म संस्कृति से जुड़े अनेक पौराणिक धर्म स्थल नेपाल में मौजूद हैं। दोनों देशों के लोग धर्म स्थलों की यात्रा करने के लिए भारत और नेपाल आते हैं। नेपाल से हरिद्वार आकर संतों के सानिध्य में अपने बालकों आलोक गौतम, सचिन पौड़ेल व अश्विन शर्मा का उपनयन संस्कार कराने के लिए उनके माता पिता को बधाई और बालको आशीर्वाद देते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि संत समाज के आशीर्वाद से तीनों बालक संस्कारवान व चरित्रवान बनकर समाज सेवा में योगदान करेंगे। स्वामी हरिहरानंद व स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि आयुर्वेद को शिखर पर स्थापित करने में आचार्य बालकृष्ण का अहम योगदान है। आचार्य बालकृष्ण के निर्देशन में पतंजलि द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से प्रमाणित आयुर्वेदिक औषधियों से करोड़ो लोग असाध्य रोगों से मुक्ति पा रहे हैं। नेपाल के काठमांडू से आए दक्षिण एशियाली ज्योतिष महासंघ के कोषाध्यक्ष लक्ष्मण गौतम ने कहा कि योग गुरू स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों से योग व आयुर्वेद को विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिली है। योग और आयुर्वेद को अपनाकर विश्व में करोड़ों लोग निरोगता को प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी डा.श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज दिव्य संत थे। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें ब्रह्मलीन स्वामी डा.श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ है। उन्हीं की प्रेरणा से हरिद्वार आकर संत समाज के सानिध्य में बालकों का उपनयन संस्कार संपन्न कराया। इस अवसर पर स्वामी दिनेश दास, गीता गौतम, आलोक गौतम, अनुषा गौतम, श्रीचंद्रकांत गौतम, गीता गौतम, आकृति गौतम, धनमाया पोडेल, सुरेश पोड़ेल, ईषा पोडेल, सचिन पोडेल, उषा पोडेल, थानेश्वर पोडेल, लीलाधर पोडेल, कोपिला पोडेल, प्रवीन ज्यवाली, लक्ष्मण थापा, राधिका ज्यवाली, भगवति खनाल, गोमा ज्यवाली आदि शामिल रहे।