हरिद्वार, 30 जनवरी– उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के द्वारा बैरागी कैंप कनखल में अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई के दौरान अखिल भारतीय श्रीपंच दिगम्बर अखाड़े के महंत रामकिशन दास एवं निर्मोही अखाड़े के महंत गोविंददास ने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम का जमकर विरोध किया। इस दौरान महंत गोविंद दास महाराज ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के सामने ही पटके से अपना गला घोेटने एवं आत्मदाह करने की कोशिश भी की। कनखल थाना प्रभारी नरेश राठौर, एसएसआई अभिनव शर्मा, एसडीओ शिवकुमार कौशिक व राजकुमार के प्रयासों से बामुश्किल महंत गोविंददास को समझाया। इस दौरान महंत गोविंददास अखाड़े की बाउन्ड्री हटा रही जेसीबी मशीन पर चढ़ गए। निर्मोही अखाड़े के सचिव महंत गोविंददास ने कहा कि कुंभ मेले के लिए आरक्षित भूमि है। पूर्व से अतिक्रमण हटाने का कोई भी पत्र हमें नहीं दिया गया है। महंत गोविंददास ने कहा कि छोटी सी कुटीया डालकर पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक क्रियाकलापों का संचालन गंगा तट पर रहकर किया जा रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग पूजा पाठ भी नहीं करने दे रही है। बड़े बड़े अतिक्रमण नहीं हटाए जाते। हमें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले अन्य अतिक्रमण हटाए जाएं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्ममंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि संतों को सुरक्षा प्रदान की जाए। आए दिन अतिक्रमण के नाम पर आश्रम अखाड़े हटा दिए जाते हैं। जो कि ठीक नहीं है। हम कहां जाएं। महंत प्रेमदास एवं महंत रामकिशन दास ने कहा कि पक्का निर्माण नहीं है। प्राचीन काल से कुंभ मेले की भूमि पर संतों का निवास होता है। लेकिन यूपी सिंचाई विभाग हठधर्मिता अपनाकर कुटीया को तोड़ना चाहते हैं। संत समाज गौसेवा, गंगा संरक्षण, भजन कीर्तन आदि करता है। अचानक अधिकारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण के नाम पर परेशान कर रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक एवं नायब तहसीलदास रमेशचंद से संतों की काफी नोंकझोंक हुई। संतों द्वारा अतिक्रमण को हटाने के लिए समय मांगा। यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने कहा कि शासन के आदेशों के पश्चात ही बैरागी कैंप क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण हटाया जा रहा है। जबकि अतिक्रमण हटाने से 15 दिन पहले इस संबंध में नोटिस भी जारी किए गए थे। अवैध अतिक्रमण को हटाने की अवश्य की जाएगी। इस दौरान सहायक अभियंता प्रथम शिवकुमार चैहान, उप राजस्व अधिकारी मुनेष कुमार, जेई राजकुमार सागर, उमेश कुमार, जिलेदार संजय सचदेवा, सुरेश पाल, सचिव पर्यवेक्षक राजकुमार, दिनेश कुमार आदि शामिल रहे।