हरिद्वार समाचार– श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को गोद लेकर सहारा देने की घोषणा की है। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। प्रत्येक व्यक्ति बच्चों में अपना भविष्य देखता है। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में भारत भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। लाखों लोग की मौत इस जानलेवा बीमारी के कारण हुई है। दुर्भाग्यवश बीमारी की चपेट मे आकर माता पिता दोनों की मृत्यु हो जाने से बड़ी संख्या में बच्चे बेसहारा व अनाथ हो गए हैं। इसको देखते हुए श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े ने बेसहारा हो चुके बच्चों को सहारा देने का निर्णय लिया है। अखाड़े के संरक्षण में आने वाले बच्चों के पालन पोषण व शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी अखाड़ा उठाएगा। बच्चों को उचित शिक्षा देकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा। यदि कोई बच्चा संत बनना चाहेगा तो शिष्य बनाकर धर्म व शास्त्रों की शिक्षा दी जाएगी। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि माता पिता दोनों को खोकर बच्चों का बेसहारा हो जाना कोरोना महामारी का सबसे दुखद पहलू है। बेसहारा हो चुके बच्चों की जानकारियां सामने आने पर हृदय द्रवित हो उठता है। कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनका कोई करीबी रिश्तेदार तक नहीं है। उन्होंने कहा कि संत समाज ने देश व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को हमेशा निभाया है। देश पर जब भी कोई विपदा आयी तो संत समाज ने हमेशा आगे बढ़कर सहयोग किया है। कोरोना के चलते बच्चों का अनाथ व बेसहारा हो जाना सबसे बड़ी विपदा है। इसको देखते हुए अखाड़े ने बेसहारा बच्चों का सहारा बनने का फैसला किया है। उन्होंने संत समाज व सामाजिक संस्थाओं से भी अपील करते हुए कहा कि गरीब बेसहारा को सहारा देना सबसे पुण्य व धर्म कार्य है। इसलिए सभी को बेसहारा बच्चों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। इस दौरान जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज, महामण्डलेश्वर सांवरिया बाबा, श्रीमहंत रामजीदास, महंत मोहनदास खाकी, महंत नरेंद्रदास, महंत महेश दास, महंत अगस्तदास, संत सेवक दास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण दास, महंत मनीष दास, महंत अमित दास, महंत राजेंद्र दास आदि सभी संतों ने संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार का साथ देने की अपील की।