हरिद्वार: श्री विक्रम सिंह परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में गोट वैली की स्थापना के सम्बन्ध में जिला स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश शर्मा ने गोट वैली योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी परियोजना निदेशक को दी। उन्होंने बताया कि गोट वैली स्थापना का मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक बकरी पालन को युवाओं एवं महिलाओं के लिये स्वरोजगार के रूप में स्थापित करने के साथ ही बकरी पालन के असंगठित क्षेत्र को संगठित करते हुये निर्यातपरक गुणवत्ता का मीट व दूध उत्पादित करना है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बैठक में यह भी जानकारी दी कि गोट वैली की स्थापना हेतु ऐसे स्थान को प्राथमिकता दी जायेगी, जहां पर बकरी पालन गतिविधि पूर्व से संचालित की जा रही हो, गोट वैली की सीमा परिधि 20 से 25 किलोमीटर लम्बी दूरी एवं अधिकतम दो से तीन किलोमीटर चौड़ी हो, गोट वैली के अन्तर्गत न्यूनतम सौ या सौ से अधिक इच्छुक स्थानीय बेरोजगारों को स्वरोजगार हेतु प्राथमिकता दी जायेगी, गोट वैली हेतु बकरियों की उपलब्धता विकासखण्ड स्तरीय क्रय समिति द्वारा की जायेगी, जो राज्य स्तरीय सवेक्षण टीम द्वारा चयनित स्थलों से बकरियों का क्रय कर लाभार्थियों को उपलब्ध करायेगी तथा लाभार्थी का पंजीकरण उत्तराखण्ड भेड एवं ऊन विकास बोर्ड में होना आवश्यक है।
बैठक में गोट वैली योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को दी जाने वाली विभिन्न सुविधायें-ऋण व अनुदान, ऋण वापसी का प्राविधान, प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास आदि प्रकरणों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
परियोजना निदेशक श्री विक्रम सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सर्वप्रथम गोट वैली के लिये क्षेत्र का चयन अवश्य कर लें तथा बकरियों को चराने के लिये वन विभाग से भी जो औपचारिकतायें हैं, उन्हें पूर्ण करा लें एवं गोट वैली स्थापना के सम्बन्ध में विभिन्न माध्यमों-प्रिण्ट, इलेक्ट्रानिक, सोशल मीडिया आदि से व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का भरपूर लाभ प्राप्त हो सके तथा उनकी आर्थिकी में वृद्धि हो सके।
इस अवसर पर ए0आर0 कोआपरेटिव श्री राजेश चौहान सहित सम्बन्घित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।