हरिद्वार समाचार– जिलाधिकारी हरिद्वार सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी को अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। श्री आर0के0 जैन, सीजीएम जल संस्थान ने जिलाधिकारी को बताया कि जल संस्थान ने कनखल के आसपास कुछ रोड कटिंग की थी, जिसे बनाने के लिये जल संस्थान ने नगर निगम, हरिद्वार को 22 लाख रूपये की धनराशि रोड कटिंग के एवज में जारी कर दिये हैं। सीजेएम, जल संस्थान ने जिलाधिकारी को यह भी बताया कि लगभग हमारे सभी नाले टैप हैं, लेकिन कुछ इलाके जैसे-पुराना नगर निगम, दूधाधारी चैक आदि में सीवर लाइन नहीं है, इन इलाकों में सीवर लाइन डालने का काम जल्दी ही शुरू किया जायेगा। ज्वालापुर में भी जिला गंगा कमेटी की ओर से सीवर लाइन बिछाने की मांग है, जिसके सम्बन्ध में अभी निर्णय नहीं हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस सम्बन्ध में एक ज्वाइण्ट सर्वे करा लिया जाये।
सीजेएम जल संस्थान ने बताया कि गंग नहर की ओर से गंगा में कुछ गन्दा पानी शामिल हो जाता है। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर से गंग नहर की वार्षिक बन्दी शुरू हो जायेगी। नहर बन्दी के पांच या सात दिन बाद नहर सूखने के पश्चात पूरे नहर की वीडियोग्राफी करा ली जायेगी, जिससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि वे कौन से क्षेत्र हैं, जहां से नहर में गन्दा पानी मिल रहा है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से पूछा कि गंग नहर में जो सिल्ट जमा रहती है, उसे साफ करने की क्या व्यवस्था है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम, हरिद्वार द्वारा एक वृहद् अभियान चलाया जाता है, जिसमें एनजीओ आदि का भी सहयोग लिया जाता है। जिलाधिकारी ने नगर निगम को निर्देशित किया कि वे एक पूरी कार्य योजना तैयार करके प्रस्तुत करें तथा गंग नहर की सिल्ट के समय क्या स्थिति थी एवं सिल्ट साफ करने के पश्चात उसकी क्या स्थिति है, इसकी वीडियोग्राफी कराई जाये।
अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि नहर के किनारे कुछ जगह तो पटरी बनी हुई है, लेकिन कुछ जगहों पर टूटी हुई है। अगर टूटी हुई पटरी को भी ठीक करा लिया जाये तो नहर के किनारे अतिक्रमण की समस्या से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि डामकोठी से लेकर जटवाड़ा पुल तक पेड़ लगाये जा सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि आपको ये कार्य नियमित रूप से करते रहना चाहिये। वृक्ष लगाने के कार्य को स्मृति वन के रूप में प्रचार-प्रसार करके आम जन को इससे जोड़ा जाना चाहिये। जिलाधिकारी ने गंगा क्षेत्र के सौन्दर्यीकरण के सम्बन्ध में अधिकारियों को एक अलग से बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये।
गंगा म्यूजियम का उल्लेख करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि विजन बहुत अच्छा है, लेकिन इसके स्वरूप को और भव्य बनाने की आवश्यकता है। इसके लिये हमें इतिहास, धार्मिकता, प्रचलित कथाओं आदि का गहन अध्ययन करने के पश्चात भव्य स्वरूप प्रदान करना होगा, जिससे यह विश्व स्तरीय म्यूजियम बन सके।
शहर में मवेशी पालने का उल्लेख करते हुये अधिकारियों ने कहा कि मवेशी पालने वाले पहले गोबर के उपले तैयार करते थे, लेकिन अब उपलों का इस्तेमान नहीं होने से लोग गोबर को नालियों में बहा देते हैं, जिससे नालियां बन्द हो जाती हैं तथा वह पानी को भी प्रदूषित करता है। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ पर्यावरण विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि नोटिस दी जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि केवल नोटिस दे देने मात्र से काम चलने वाला नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
बैठक में नीरज कुमार, डी0एफ0ओ0, श्री आर0के0 जैन, सी0जी0एम0 जल संस्थान, श्री विनोद कुमार, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार, सुश्री स्वाति कालरा, जे0आर0एफ0, यूकेपीसीबी, रूड़की, श्री अरूण कुमार केसरवानी, एई, पीडी, पीडब्ल्यूडी तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।