हरिद्वार
पेयजल समिति सुभाष नगर ज्वालापुर हरिद्वार ने सुभाष नगर वासियों से मनमानी ढंग से जल शुल्क वसूल किया और
आपको बता दें ,न्यू सुभाष नगर की पेयजल समिति 12 अगस्त 14 को प्रशासक के अधीन हो गई थी। जिसके बावजूद भी पेयजल समिति के तीन व्यक्तियो ने मनमानी ढंग से अवैध तरीके से पानी की टंकी को चलाते रहे और जनता से मनमर्जी से जल शुल्क वसूलते रहे, तंग आकर पेयजल समिति के खिलाफ यहां की जनता ने जिला उभोक्ताफोरम व राज्य उपभोक्ता फोरम देहरादून तक केस लड़ा दोनों ने जनता के हितों को देखते हुए जनताहित में निर्णय दिया। चलते हुए केस के दौरान समिति ने मनमानी ढंग से बिना किसी की अनुमति से जल शुल्क ₹200 कर दिया । जनता ने इस मामले को जिला अधिकारी को शिकायत की जिसे देखते हुए अधिकारी ने जांच के आदेश दिए ।
आपको बता दे की न्यू सुभाष नगर में दो जल पंप लगे हुए हैं, जिसमें एक पंप समिति के नाम और दूसरा जल संस्थान उत्तराखंड के नाम पर है ,दोनों का पानी समिति द्वारा पूरे सुभाष नगर में सप्लाई किया जाता था । समिति सर्फ अपने जल पंप का ही बिजली का बिल जमा करती रही और जल संस्थान के जल पंप का बिजली के बिलों को आज तक नहीं जमा किया गया, जिस कारण वह आज 4 करोड़ तक पहुंच गया है। उपरोक्त सभी जानकारी सूचना अधिकार के माध्यम से प्राप्त हुई। सोचने की बात है कि यदि आम आदमी का बिजली बिल 10 हजार से ज्यादा हो जाता है तो उसका बिजली बोर्ड बिजली कनेक्शन काट देती है परंतु आज तक बिजली विभाग भी कुंभकरणीय नींद में सोया हुआ है इतने करोड़ों रुपए बिल को बिजली बोर्ड क्यो अनदेखा कर रही है।
हरिद्वार के सारे प्रशासन को इसकी जानकारी है दोषियो पर कार्यवाही क्यो नही हो रही है इस से साफ जाहिर होता प्रशासन और नेताओ की मिलीभगत से घोटाला किया गया है। यहां तक की देहरादून के जल संस्थान के आल्हा अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बिजली बोर्ड भी आंख मूंद कर उन्हें बिजली दे रहा है ।
न्यू सुभाष नगर के बकादारो उपभोक्ताओं को पेयजल समिति द्वारा मनमानी ढंग से बनाए गए बिलों को जल संस्थान के जल शुल्क के बिलों में जोड़कर जबरन भेजा जा रहा है , जिससे बकायदार परेशान हैं। बकायदारो का कहना है कि जब से पेयजल समिति जल संस्थान में आई है तब से हम सभी जल शुल्कों देने के लिए तैयार हैं व भी उपभोक्ता फोरम व उच्च राज्य उपभोक्ता फोरम के अनुसार हम देने के लिए तैयार हैं।
यहां की जनता का कहना है कि सरकार पेयजल समिति से भी जल संस्थान के पंप के बिजली के बिल को भी समिति से वसूली करें ताकि उत्तराखंड के राजस्व को लाभ मिल सके।