>हरिद्वार समाचार- जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा समिति/जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिलाधिकारी को अधिकारियों ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के सम्बन्ध में बताया कि जनपद में इस योजना के अन्तर्गत सितम्बर,2020 तक 6,96,322 खाते खोले जा चुके हैं, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत सितम्बर तक 3,87,759 लोगों को बीमित किया जा चुका है, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत सितम्बर तक 1,21,661 व्यक्तियों को बीमित किया जा चुका है, अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत सितम्बर तक जनपद के 49,266 व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
बैंक खातों के आधार सीडिंग के सम्बन्ध में अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि जनपद में सितम्बर तक 87 प्रतिशत से अधिक सक्रिय जमा खातों में आधार सीडिंग की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने एक्सिस बैंक की आधार सीडिंग में धीमी गति पर नाराजगी प्रकट करते हुये निर्देश दिये कि उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाये। एच0डी0एफ0सी0 बैंक ने जिलाधिकारी को बताया कि बल्क में प्राप्त होने की वजह से आधार सीडिंग की प्रगति धीमी रही। जनवरी तक 100 प्रतिशत हो जायेगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि दिसम्बर तक लक्ष्य प्राप्त कर लें।
सूचना प्रौद्योगिकी आधारित वित्तीय समावेशन के सम्बन्ध में अधिकारियों ने बताया कि जनपद में 286 बैंक शाखायें तथा 421 ए0टी0एम0 हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से जानकारी ली कि क्या सभी ए0टी0एम0 सही चल रहे हैं। उन्होंने विकास भवन स्थित ए0टी0एम0 का उदाहरण देते हुये कहा कि वह कभी कार्य करता हैं तथा कभी नहीं। उन्होंने सभी ए0टी0एम0 सही कार्य करने चाहिये, तभी उनके स्थापित होने का लाभ जनता को मिलेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि डिजिटलाइजेशन का एक छोटी से एरिया से प्रारम्भ करते हुये आप एक बडे़ लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
वित्तीय साक्षरता के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि एफ0एल0सी0 सेण्टर गांवों तक वित्तीय साक्षरता पहुंचायें।
ऋण-जमा अनुपात के सम्बन्ध में अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि जनपद का ऋण-जमा अनुपात 63 प्रतिशत के लगभग है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट करते हुये कहा कि यहां पहाड़ी राज्य का बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि ऋण-जमा अनुपात अगर 40 प्रतिशत से कम है तो ऐसे बैंकों को स्पष्टीकरण जारी करिये।
जिलाधिकारी ने स्टेट बैंक के आंकड़ों का उल्लेख करते हुये कहा कि स्टेट बैंक की हर योजना में स्थिति खराब है, जबकि कई बैठकों में स्थिति में सुधार लाने के लिये कहा जा चुका है। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपनी-अपनी भागीदारी में सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
बैठक में जिलाधिकारी ने कृषकों की आय दोगुना करने, प्रधानमंत्री रेहड़ी-पटरी आत्मनिर्भर निधि, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री शहरी आवास, स्वतः रोजगार योजना, अल्पसंख्यक रोजगार योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, लघु एवं मध्यम उद्यमों को वित्त पोषण, मुद्रा योजना, स्टैण्डअप योजना आदि की विस्तृत समीक्षा की गयी।
बैठक में सभी बैंक समन्वयकों व उनके नियंत्रक कार्यालयों से वार्षिक ऋण योजना तथा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत समेकित त्रैमासिक रिपोर्ट प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के पन्द्रह दिनों के अन्दर भेजने की अपेक्षा की गयी।
बैठक में नेशनल बैंक लि0, बैंक आॅफ इण्डिया, ए0आईसी0 देहरादून, सी0एच0ओ0/डी0एस0 डब्ल्यू ओ0 हरिद्वार, डेयरी डेवलेपमेंट, ई0ए0सी0 हरिद्वार, बन्धन बैंक, बैंक आॅफ बड़ौदा, बैंक आॅफ महाराष्ट्रा, केनरा बैंक, सेण्ट्रल बैंक आॅफ इण्डिया, जिला सहकारी बैंक, एचडीएफसी, आईडीबीआई, इण्डियन बैंक, इण्डियन ओवरसीज बैंक, जेएनके, कर्नाटक बैंक लि0, पंजाब एण्ड सिन्ध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, यूको बैंक, यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया, उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक, यश बैंक, इण्डियन पोस्ट पेमेंट बैंक तथा उत्तरांचल ग्रामीण बैंक सेे सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।