हरिद्वार समाचार-उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण ने ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के ऑडिटोरियं में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत उद्यान विभाग द्वारा प्रथमवार ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सव: खुम्ब हर द्वार’’ का आयोजन दिनांक 18 से 20 अक्टूबर, 2021 को ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, हरिद्वार में किया जा रहा है।
इस अन्र्तराष्ट्रीय महोत्सव के अवसर पर अन्र्तराष्ट्रीय/राष्ट्रीय व राज्य के प्रगतिशील मशरूम उत्पादकों/कृषकों, विभिन्न शोध संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभाग कर मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में अपने अनुभव एवं ज्ञान से लाभान्वित किया जायेगा तथा मशरूम की विभिन्न प्रजातियों एवं मशरूम के प्रसंस्कृत उत्पादों का सजीव प्रदर्शन भी किया जायेगा। साथ ही विभिन्न औद्यानिक यन्त्रों/मशीनों के उत्पादक फर्मों व कम्पनियों, सूक्ष्म सिचाईं प्रणाली से सम्बन्धित फर्मों/कम्पनियों, विभिन्न पौधशालाओं के स्वामियों, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रही फर्मों/कम्पनियों, जैविक उर्वरक, कीट/व्याधि नाशक फर्मों/कम्पनियों के द्वारा अपने उत्पादों का सजीव प्रदर्शन करने हेतु 40 से अधिक स्टाॅल लगाये जायेगें। साथ ही विदेशों (थाईलैंण्ड, मलेशिया, नीदरलैण्ड, जापान इत्यादि) के मशरूम विशेषज्ञों द्वारा विदेशों में मशरूम उत्पादन की नवीनतम तकनीक के माध्यम से प्रस्तुतिकरण कर लाभान्वित किया जायेगा।
डा0 बवेजा ने बताया कि मशरूम उत्पादन के माध्यम से भूमिहीन बेरोजगार नवयुवकों को स्वरोजगार प्राप्त होने के साथ-साथ कास्तकारों को आय के अन्य साधन मिलने से मा0 प्रधानमंत्री जी के ‘‘संकल्प से सिद्धि’’ के अन्तर्गत कृषकों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य की पूर्ति भी की जा सकती है। सर्वविदित है कि स्वरोजगार के साधनों की कमी के कारण राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की अत्यधिक समस्या है, सीमान्त क्षेत्रों से पलायन के दृष्टिगत राज्य की सुरक्षा अत्यन्त आवश्यक है। भूमिहीन बेरोजगार नवयुवकों को मशरूम उत्पादन के माध्यम से स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराते हुए पलायन में कमी लायी जा सकती है।
वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व में मशरूम का कुल 43 मिलिटन टन है, जिसमें से भारत मंे मशरूम का उत्पादन लगभग 2.40 लाख मै0टन है, जिसका मुख्य कारण भारत में मुख्यतः 5 प्रजातियों की खेती व्यवसायिक स्तर पर की जा रही है, जबकि विश्व में लगभग 60 प्रजातियों की खेती व्यवसायिक स्तर पर की जाती है। उत्तराखण्ड राज्य में मशरूम का उत्पादन लगभग 17000 मै0टन है, जो कि भारत में उत्पादन का 7 प्रतिशत है।
उत्तराखण्ड में मशरूम उत्पादन की अपार सम्भावनायें विद्यमान हैं, राज्य के समस्त जनपदों में मशरूम का उत्पादन किया जाता है। मशरूम उत्पादन की दृष्टि से देश में उत्तराखण्ड का सातवां स्थान है, जिसकी सम्भावनाओं के दृष्टिगत उत्पादन में वृद्धि कर उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता है। लघु एवं सीमान्त कास्तकारों द्वारा मशरूम का उत्पादन वर्ष 1990 से किया जा रहा था, परन्तु 1992 में जनपद देहरादून मंे शत-प्रतिशत आयातित इकाई की स्थापना होने से व्यवसायिकता की संस्कृति का प्रारम्भ हुआ। वर्ष 2010 से अब तक नियन्त्रित तापक्रम पर लगभग 30 इकाईयो की स्थापना हो जाने से मशरूम के उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि आयी है। मशरूम इकाईयों की स्थापना भी जारी है, जिसके फलस्वरूप स्थानीय तौर पर नवयुवकों को पर्याप्त में रोेजगार प्राप्त हो रहा है। वर्तमान तक प्रदेश में लगभग रू0 160 करोड का पूंजी निवेश इकाईयों की स्थापना में किया जा चुका है तथा प्रतिवर्ष लगभग रू0 20 करोड का व्यवसाय किया जा रहा है।
डा0 बवेजा द्वारा बताया गया कि इस अवसर पर उद्यान विभाग के अन्तर्गत जनपदों के कार्यरत 100 से अधिक सहायक विकास अधिकारियों को प्रशिक्षित कर ‘‘मशरूम विशेषज्ञ’’ बनाया जायेगा, जिनके द्वारा मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के भूमिहीन बेरोजगार नवयुवकों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने हेतु एवं कृषकों को आय के अन्य साधन प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड स्कील डेवलपमेन्ट मिशन के तकनीकी कार्मिकों को भी उक्त कार्यक्रम में प्रशिक्षित कर ‘‘मशरूम विशेषज्ञ’’ के रूप मंे चिन्हित किया जायेगा।
राज्य में वर्तमान में उत्पादित बटन व ढिंगरी मशरूम के अतिरिक्त गैनोडर्मा, सिटाके, कोर्डसेप्स आदि प्रजातियों को बढ़ावा दिया जायेगा। विगत माह मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ‘‘मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना’’ संचालित कर 20,000 नवयुवकों/बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़े जाने के निर्देश दिये गये हैं।
साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत ‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ का चयन किया गया है, जिसमें जनपद हरिद्वार को मशरूम उत्पाद हेतु चयनित किया गया है।
इस अवसर पर अन्र्तराष्ट्रीय/प्रदेश/राज्य के विभिन्न जनपदों से प्रतिभाग करने वाले मशरूम उत्पादकों/कृषकों तथा अन्य प्रदेशों से आने वाले वैज्ञानिक/प्रगतिशील कास्तकारों को इस अन्र्तराष्ट्रीय मशरूम महोत्सव में प्रदान की जाने वाली तकनीकी जानकारियों से लाभान्वित होकर मशरूम उत्पादन व विपणन के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम होगें।
इस अवसर पर सर्व श्री संजय श्रीवास्तव ,जे सी जैन ,डॉ रत्न कुमार ,मनमोहन भारद्वाज , हिरेशा वर्मा, नरेंद्र यादव अरुण पांडे सहित विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित थे।