देहरादून समाचार-जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वीडियाकान्फे्रसिंग के माध्यम से राजस्व, वन समाज कल्याण विभागो के अधिकारियों के साथ वन गुर्जरों के पुनर्वास एवं गणना आदि के सम्बन्ध में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने उच्च न्यायालय में राज्य के वन गुर्जरों के पुनर्वास के सम्बन्ध में याचिकाओं के प्रकरणों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि वन गुर्जरों की गणना एवं एफआरए प्रदत्त आधिकारों हेतु उप जिलाधिकारियों से समन्वय कर ग्रामीण स्तरीय समिति का गठन करने को कहा ताकि वन गुर्जरों की गणना कार्य में तेजी आ सके। उन्होंने कहा कि राजाजी टाइगर पार्क, कालसी, आशारोड़ी, चकराता आदि स्थानों पर निर्वासित वन गुर्जरों की गणना करते हुए गुर्जर पुनर्वास योजना के अन्तर्गत पुनर्वासित किया जाय। बताया गया कि वर्तमान में आशारोड़ी में गुर्जर परिवार निवासरत है, जिसे पुर्नवासित करने हेतु सम्पर्क कर लिया जाय।
उन्होंने बताया कि जनपद में निवासरत् वन गुर्जरों का डाटाबेस शीघ्रता से तैयार करते हुए पुनर्वास व वनाधिकार अधिनियम 2006 एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न नियम/निर्देश के अन्तर्गत पुनर्वास हेतु दावे प्राप्त किए जाय। इस हेतु सभी उप जिलाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्रों में निर्वासित वन गुर्जरों के सम्बन्ध में आगामी 15 दिनों के भीतर सम्बन्धित सूचना उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। इस हेतु वन गुर्जरों के क्षेत्रों का पुनः सर्वेक्षण कराये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुछ वन गुर्जर स्थाई रूप से जंगलों में रह रहे हैं तथा कुछ सीजनल गुर्जर समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते जाते रहते हैं। इन लोगों से वार्ता समन्वय कर सहमति से शिफ्ट करने की कार्यवाही की जाय। बैठक के दौरान देहरादून, मसूरी , चकराता, कालसी के वनाधिकारियों द्वारा वन गुर्जरों की गणना एवं वनाधिकार के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारियों एवं सुझाव दिये गये।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वि/रा गिरीश चन्द्र गुणवंत, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पाण्डेय, शासकीय अधिवक्ता समेत सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे