देहरादून समाचार– सचिव जज (सी0डि0)/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून नेहा कुशवाहा ने अवगत कराया है कि माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा जनपद के दुरस्थ क्षेत्र चकराता के जनजातीय क्षेत्र में तहसीलदार एवं ग्राम प्रधान डाकरा/मोहाना/सावरा/सुजाऊ, के साथ बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ग्राम प्रधानों और तहसीलदारों को कहा कि गया कि कोविड-19 महामारी के दूसरे चरण के चलते आरोग्य सेतू एप्प एवं कोविन एप्प पर वैक्सीन लगाये जाने हेतु पंजीकरण कराये जाने हेतु जनमानस को जागरूक करें ताकि वह कोविड-19 महामारी से बचाव कर सकें । इसके अतिरिक्त कोविड-19 महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन जैसे मास्क लगाना/सामाजिक दूरी का पालन करने एवं जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलना आदि के बारें जानकारी दी जाए।
बैठक में यह चर्चा की गई कि सम्पूर्ण चकराता क्षेत्र में जितने भी विकलांग है, उनकों सूचीबद्ध किया जाए एवं यह प्रयास किया जाए कि उन सभी को विकलांगता प्रमाण-पत्र प्राप्त कराया जा सकें। सचिव द्वारा ग्राम प्रधानों के साथ यह भी चर्चा की गई कि उनके क्षेत्र में जो भी व्यक्ति मजदूरी करते हैं, उनके जाॅब कार्ड बने हैं अथवा नहीं यदि नहीं तो उनको सूचीबद्ध कर कार्ड बनवाए जानें की कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। चकराता क्षेत्र में कुछ ग्राम प्रधानों द्वारा स्ट्रीट लाईटों हेतु उरेड़ा विभाग द्वारा सोलर पैनल नही लगे हैं, ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करें ताकि वहां पर सोलर पैनल लगाए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। बैठक में चर्चा हुई कि तहसील चकराता में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की जाएगी, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के पराविधिक कार्यकर्तागण द्वारा चकराता क्षेत्र के ग्रामीण व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। बैठक में क्षेत्र के ग्राम प्रधानों द्वारा पेयजल की समस्या के सम्बन्ध में चर्चा की गई, जिसमें उनके द्वारा अवगत करया गया कि डाकरा गांव में पीने के पानी हेतु पाईपलाईन नहीं बिछाई गई है, इस पर सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
उक्त बैठक में में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने विभिन्न कानूनी विषयों पर व्यक्तियों को जानकारी देते हुए महिला सुरक्षा, बाल सुरक्षा को लेकर पोक्सो एक्ट 2012 के अन्तर्गत यौन अपराध, यौन छेड़छाड़ के अपराधों के प्रतिषेद कृत कानून की विस्तार से जानकारी दी। इसके अतिरिक्त बाल अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार, घरेलू कानून हिंसा संरक्षण, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार से भी अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 के तहत् जानकारी दी गई। साथ ही उत्तराखण्ड अधिनियम 2018 में नागरिकों के अधिकारों की जानकारी दी गई।