हरिद्वार, 28 अगस्त। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार और अनाचार बढ़ा है। भगवान ने अवतार लेकर मानवता की रक्षा की है। दक्षिण काली मंदिर में विश्व शांति के लिए आयोजित दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के समापन पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानदं गिरी महाराज ने कहा कि सनानत धर्म संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और महान संस्कृति है। सनातन धर्म संस्कृति के महापुरूषों ने सदैव विश्व का मार्गदर्शन कर कल्याण का मार्ग दिखाया और मानवता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरू के सानिध्य में सद्मार्ग पर चलने से जीवन भवसागर से पार हो जाता है। शास्त्रों में मानव सेवा को ईश्वर पूजा के समान बताया गया है। इसलिए सभी को सदैव ईश्वर का स्मरण करते हुए मानव सेवा में योगदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। श्रद्धालु भक्तों को गंगा स्वच्छता की प्रेरणा देते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि मां गंगा भारतीय संस्कृति की धरोहर और भारत की जीवन रेखा है। लेकिन मानवीय गलतियों के चलते गंगा लगातार प्रदूषित हो रही है। गंगा स्नान करने की सार्थकता तभी है। जब गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अवरिल बनाए जाने का संकल्प भी लिया जाए। सभी को संकल्पबद्ध होकर गंगा को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान करना चाहिए। साथ ही दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, महंत लाल बाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, चेतन शर्मा सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।