हरिद्वार, 2 अगस्त। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की पूरे सावन माह चलने वाली शिव साधना 11वें दिन भी जारी रही। श्री दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में शिव साधना कर रहे स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सावन शिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न प्रकार पुष्पों से शिवलिंग का श्रंग्रार किया और गंगाजल मिश्रित पंचामृत व अन्य द्रव्यों से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। महाशिविरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना पूजन करने से साधक को उनका आशीर्वाद और कृपा की प्राप्ति होती है। जिससे जीवन मंगलमय हो जाता है। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव और माता पार्वती ही इस संसार की परम् शक्ति हैं। शिव और शक्ति की कृपा जिस पर हो जाती है। उसका जीवन संवर जाता है। जीवन में किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता है। प्रत्येक कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए पूर्ण समर्पण भाव से उनकी आराधना करें। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि श्री दक्षिण काली मंदिर में भगवान शिव और माता भगवती साक्षात रूप से विराजमान हैं। मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान शिव और माता भगवती पूरी करते हैं।