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हरिद्वार 18 अगस्त। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की पूरे सावन चलने वाली शिव आराधना की पूर्णाहूति श्रावण पूर्णिमा सोमवार को होगी। श्री दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में आयोजित शिव आराधना के दौरान रविवार को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने विभिन्न प्रकार के फलों से शिवलिंग का श्रंग्रार कर रूद्राभिषेक किया। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव ही संसार के अधिपति हैं। समस्त सृष्टि भगवान शिव से उत्पन्न होकर उनमें ही समाहित हो जाती है। कल्याणकारी और मृत्युंजय भगवान शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। पूजन और आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। भक्तों को शिव आराधना की विधि बताते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव को भक्तों से अधिक कुछ नहीं चाहिए। भक्तों की भावना और जलाभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न हो उठते हैं। सावन भगवान शिव की आराधना का सबसे उत्तम अवसर है। भक्तों को सावन में प्रतिदिन गंगाजल मिश्रित पंच द्रव्य से जलाभिषेक करना चाहिए। जलाभिषेक करते समय माता पार्वती का ध्यान भी अवश्य करें। ऐसा करने से शिव और शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है। जिससे सभी संकट दूर हो जाते हैं। सुख समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरूदेव की आराधना की पूर्णाहूति सोमवार को होगी। जिसमें सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष एवं श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होंगे। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारीए आचार्य पवनदत्त मिश्रए पंडित प्रमोद पांडेए कृष्णानंद ब्रह्मचारीए महंत लालबाबाए बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारीए स्वामी अनुरागीए चेतन शर्मा समेत कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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