हरिद्वार, 29 मार्च। श्री जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का 64वां अवतरण दिवस संत महापुरूषों के सानिध्य में सादगी से मनाया गया। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज, श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी, कालिका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद सहित अनेक प्रमुख संतों ने बधाई संदेश भेजकर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज को अवतरण दिवस की शुभकामनाएं दी और मां गंगा से उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव ंिसह महाराज ने स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का तिलक कर अवतरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करते हुए आमजन में आध्यत्मिक चेतना जगाने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम योगदान कर रहे स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी संत समाज के प्रेरणास्रोत हैं। मानव कल्याण में किया जा रहा उनका योगदान सभी के लिए प्रेरणादायक है। भारत माता मंदिर के महंत एवं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि आध्यात्मिक गुरू के रूप में समाज का मार्गदर्शन कर रहे स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज परोपकार व सेवा की प्रतिमूर्ति हैं। उनकी प्रेरणा से लाखों लोग भक्ति व अध्यात्म के मार्ग से जुड़कर सनातन धर्म को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि विद्वान एवं तपस्वी संत स्वामी ब्रह्मस्वरूप महाराज सनातन धर्म का गौरव हैं। युवा संतों को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
उपस्थित संत महापुरूषों व भक्तों का आभार व्यक्त करते हुए स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज व पूज्य संतों के आशीर्वाद से सनातन धर्म व समाज के कमजोर वर्ग की सेवा करना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। अगले महीने से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं चाक चैबंद होनी चाहिए। यात्रा मार्ग ठीक होने चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या ना हो। राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने पर उन्होनें कहा कि हिंदुस्तान पूरी दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। एक साधारण तरीके से कही गयी बात को लेकर केस करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। भारत में बोलने की आजादी है। किसी के साथ द्वेष भावना से काम नहीं होना चाहिए। यदि किसी की मांग है तो सरकारों को उसे सहानुभूति पूर्वक सुनना चाहिए।
इस अवसर पर महंत ज्ञानानंद, महंत जमनादास, महंत निर्भय सिंह, महंत सूरज दास, महंत महेश पुरी, महंत शैलेंद्र गिरी, डा.संजय पालीवाल, पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रदीप चैधरी, रविश भटीजा, डा.दिनेश पुंडीर, गंगाराम आडवाणी, राजू तिवारी, सोनी मिश्रा, जयपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।