हरिद्वार, 22 सितम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत लालबाबा त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की छावनी में आयोजित ब्रह्मलीन महंत लालबाबा महाराज के श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन महंत लालबाबा महाराज परोपकारी संत महापुरुष थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानवता के लिए समर्पित किया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। उन्होंने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते है।ं समाज कल्याण के लिए उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करती रहती है। महामण्डलेश्वर स्वामी गिरधर गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत लालबाबा महाराज महान संत थे। जिन्होंने सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में अपना योगदान प्रदान किया और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरुषों ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई है और महापुरुषों के तपोबल से ही भारत पूरे विश्व में गौरवान्वित हो रहा है। संत समाज के प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन महंत लालबाबा महाराज का आदर्श पूर्ण जीवन आज भी संतों की युवा पीढ़ी को प्रेरणा दे रहा है। उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करते हुए समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर महंत देवगिरी, महंत कमलपुरी, महंत किशन गिरी, महंत रामेंद्र पुरी, महंत अखिलेश भारती, महंत सुभाष पुरी, महंत महेश गिरी, महंत रविन्द्र गिरी, महंत प्रेमानंद, महंत आत्मानन्द, स्वामी गिरधर गिरी, महंत जयदेवानन्द, महंत आनन्द चैतन्य, महंत विद्यानंद गिरी, साध्वी सुमन भारती, महंत विवेकानन्द, महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत कृष्णानन्द, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, महंत रघुवीर दास, महंत गोविंददास, महंत बिहारी शरण सहित सभी संत महापुरूषों ने ब्रहमलीन महंत लालबाबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें महान संत बताया।