हरिद्वार समाचार– पुराना रानीपुर मोड़ स्थित श्रीकृष्णा आश्रम के अध्यक्ष महंत बिहारी शरण महाराज ने महंत अंकित शरण को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। तीनों वैष्णव अनी अखाड़ों के श्रीमहंतों की उपस्थिति में महंत अंकित शरण को उत्तराधिकारी बनाए जाने की घोषणा की गयी। कोविड गाइडलाईन का पालन करते हुए अति संक्षिप्त रूप में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संत महापुरूषों ने महंत अंकित शरण को फूलमाला पहनाकर आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के प्रवक्ता नियुक्ति गए महंत रघुवीर दास एवं प्रतिनिधि महंत बिहारी शरण, महंत राजेंद्र दास तथा श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के प्रतिनिधि बनाए गए महंत नारायण दास पटवारी व महंत प्रेमदास का भी संतों ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि योग्य गुरू को सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। महंत अंकित शरण कर्मठ तथा विद्वान युवा संत हैं। उनके नेतृत्व में श्रीकृष्णा आश्रम सनातन धर्म का प्रमुख केंद्र बनेगा तथा आश्रम की सेवा परंपरा और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका रही है। श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि आदि अनादि काल से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा सनातन धर्म की महान परंपरा है। उन्होंने कहा कि गुरू के बताए मार्ग पर चलना और संत महापुरूषों की सेवा करना ही शिष्य का प्रमुख कर्तव्य है। युवा संतों को वरिष्ठ संतों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान देना चाहिए। श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि अखाड़े आश्रमों से संत परंपराओं का निर्वहन देश दुनिया में होता चला आ रहा है। युवा संत भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर मानव सेवा में अपना योगदान देते रहें। उन्होंने कहा कि सनातन पंरपरांओं का निष्ठापूर्वक निर्वहन किया जाना चाहिए। श्रीकृष्णा आश्रम के नवनियुक्त उत्तराधिकारी महंत अंकित शरण ने कहा कि संत महापुरूषों ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। गुरू की शिक्षाओं के अनुरूप निष्ठापूर्वक उस जिम्मेदारी का पालन करते हुए निस्वार्थ भाव से गरीब, असहाय निर्धन परिवारों की सेवा में योगदान करेंगे। श्रीमहंत विष्णुदास, महंत रघुवीर दास व महंत बिहारी शरण ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवा संतों को अपनी भूमिका सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। भक्तों को गौ गंगा सेवा के लिए प्रेरित करते हुए सनातन धर्म की परंपरांओं को मजबूत किया जाएगा। महंत रघुवीर दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत बिहारी शरण, महंत राजेंद्र दास, महंत प्रेमदास व श्रवण शंखधर ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर महंत मोहनदास खाकी, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत रामजी दास, महंत सुखदेव दास, ब्रह्माण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, महंत मनीष दास, महंत सूरजदास, महंत प्रेमदास, महंत शत्रुघ्न दास, महंत हितेश दास, संत सेवक दास, राहुल गुप्ता, मोहित शर्मा आदि मौजूद रहे।