हरिद्वार समाचार– बैरागी कैंप में तोड़े गए तीनो वैष्णव अनी अखाड़ों के मन्दिरों एवं संत निवास के पुर्ननिर्माण व आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बैरागी संतों का धरना दूसरा दिन भी जारी रहा। धरने पर बैठे तीनो बैरागी अनी अखाड़ों के श्रीमहंतों ने ऐलान किया है कि मन्दिरों का पुर्ननिर्माण कर मूर्तियों की पुर्नस्थापना होने तक धरना निरंतर जारी रहेगा। संतों का आरोप है कि मुख्यमंत्री की सहमति व सरकार से मिले धन से ही उन्होंने निर्माण कराया था। जिसे अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया।
धरने को संबोधित करते हुए श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि राज्य में हिंदूवादी सरकार होते हुए भी जिस प्रकार का अन्याय वैष्णव अखाड़ों के साथ हरिद्वार में किया गया। उसकी मिसाल मुगलकाल में भी नहीं मिलती है। मन्दिरों को तोड़कर अपमानजनक तरीके से मूर्तियों को हटाकर हिन्दू धर्म पर कुठाराघात किया गया। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश भर के संतों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और आन्दोलन करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द मन्दिरों का पुर्ननिर्माण कराकर सम्मान के साथ मूर्तियों की स्थापना नहीं की गयी तो पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा।
श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप की भूमि पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण किए गए हैं। लेकिन केवल बैरागी अखाड़ों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की और से सभी तेरह अखाड़ों को निर्माण कार्यो के लिए धन उपलब्ध कराया गया था। मुख्यमंत्री की सहमति व सरकार से मिले धन से ही तीनों वैष्णव अखाड़े निर्माण कार्य करा रहे थे। जिसे अधिकारियों ने अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया। पूर्व में निर्मित मन्दिरों को भी नहीं बख्शा गया। मन्दिरों को तोड़कर मूर्तियां भी हटा दी गयी। सनातन धर्म के इस अपमान को कतई सहन नहीं किया जाएगा।
श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि संतों के दम पर बनी हिंदूवादी सरकार में संतों का ही उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार की इस नीति को सहन नहीं किया जाएगा। इसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा।
महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द गिरी महाराज ने कहा कि सरकार हिन्दुओं की उपेक्षा कर रही है। हिन्दुओं के धर्मस्थल तोड़े जा रहे हैं। जबकि अन्य धर्मो के स्थलों को छेड़ा भी नहीं जा रहा। बैरागी कैम्प में तीनों वैष्णव अनी अखाड़ों के निर्माण तोड़ने के साथ मन्दिरों को भी क्षतिग्रस्त हिंदू धर्म का अपमान किया गया। इसके विरोध में समस्त संत समाज को एकजुट होकर संघर्ष के लिए आगे आना चाहिए।
स्वामी प्रकाशानन्द ने कहा कि महावीर हनुमान का मन्दिर तोड़ने वाले अधिकारियों का पतन होना तय है। मुख्यमंत्री बैरागी संतों से माफी मांगे और तोड़े गए मन्दिरों का पुर्ननिर्माण कराकर सम्मान के साथ महावीर हनुमान की मूर्ति की स्थापना कराएं। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार नहीं चेती तो संतों के दम पर बनी केंद्र और उत्तराखण्ड की सत्ता का जाना तय है।
आह्वान अखाड़े के महंत गोपाल गिरी महाराज ने कहा कि संतों के दम पर केंद्र से लेकर राज्यों तक सत्ता हासिल करने वाली भाजपा के राज में संतों के ही खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। संतों के आश्रम और मन्दिर तोड़कर सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है। जो कि बेहद शर्मनाक है।
मंच संचालन महंत रघुवीर दास ने किया। इस दौरान महंत संत रामसेवक दास, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, महंत बिहारी शरण दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, महंत प्रहलाद दास, महंत अगस्त दास, नीलेश्वर मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास, महंत भगवान दास खाकी, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत गजेंद्र दास, महंत पदमदास नागा, महंत सूरज दास, महंत राजेंद्रदास, महंत ब्रहमाण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, स्वामी प्रकाशानंद, महंत अंकित दास, सुरेश अवस्थी, करन शर्मा, दिवाकर शर्मा, विशाल शर्मा, पंकज दास, लक्ष्य शर्मा आदि मौजूद रहे।