हरिद्वार, स्वामी उमेशानंद महाराज को अवधूत चंदनदेव आश्रम भूपतवाला के महंत नरसिंह दास महाराज का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया है। महंत स्वामी अखण्डानन्द महाराज की अध्यक्षता में शुक्रवार को आश्रम में आयोजित समारोह में संत समाज ने तिलक चादर प्रदान कर स्वामी उमेशानंद महाराज को महंत नरसिंह दास महाराज का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत स्वामी अखण्डानन्द महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है। संत महापुरूषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। युवा संत के रूप में स्वामी उमेशानंद महाराज अपने गुरूदेव स्वामी नरसिंह दास महाराज की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अपना योगदान प्रदान करेंगे। ऐसी संत समाज को उनसे आशा है। स्वामी ऋषिश्वरानन्द एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखण्डता बनाए रखने में संत महापुरूषों का अहम योगदान है। गुरू शिष्य परंपरा पूरे विश्व में भारत को गौरवान्वित करती है। महंत नरसिंह दास महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत हैं। उनका सानिध्य नवनियुक्त उत्तराधिकारी स्वामी उमेशानंद महाराज का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज एवं महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। युवा संत सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति की रीढ़ हैं। जो भारत सहित पूरे विश्व में धर्म एवं संस्कृति की पताका को फहरा रहे हैं। स्वामी उमेशानंद महाराज युवा संत हैं। जो अपने गुरूदेव महंत नरसिंह दास के संरक्षण में आश्रम की परंपरांओं को भलीभांति आगे बढ़ायेंगे। समस्त संत समाज का आशीर्वाद व स्नेह उन्हें हमेशा मिलता रहेगा। स्वामी उमेशानंद महाराज ने सभी संतजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो दायित्व उन्हें सौंपा गया है। पूज्य गुरूदेव की शिक्षाओं के अनुरूप उसका पूरी निष्ठा से पालन करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी हरिहरानंद, महंत श्यामप्रकाश, महंत प्रहलाद दास, बाबा हठयोगी, महंत राजेंद्र दास, महंत गुरमीत सिंह, स्वामी जगदीशानंद गिरी, महंत अरूण दास, महंत सूरज दास, महंत निर्मल दास, स्वामी दिनेश दास आदि संतजन उपस्थित रहे।
फोटो नं.7-स्वामी उमेशानंद को तिलक चादर प्रदान करते संतजन