हरिद्वार समाचार– मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में गरीब असहाय लोगों को कंबल वितरित किए। इस दौरान 500 गरीब असहाय लोगों को कंबल वितरित किए गए। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को कंबल वितरित करना सच्ची मानव सेवा है। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी हमेशा से ही मानव सेवा के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाता चला रहा है। लॉकडाउन में भी अखाड़े द्वारा गरीब असहाय लोगों को प्रतिदिन भोजन वितरित कराया गया। राष्ट्र कल्याण में संत महापुरुषों की सदैव अहम भूमिका रही है। श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदा परोपकार को समर्पित रहता है और महापुरुषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। सेवा के क्षेत्र में निरंजनी अखाड़ा नित नया आयाम स्थापित कर समाज को सकारात्मक संदेश दे रहा है। सभी को मिलजुल कर गरीब असहाय लोगों की सेवा करनी चाहिए। महंत मनीष भारती महाराज ने कहा कि सेवा भाव से ही संत महापुरुषों की पहचान है। त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति संत महापुरुष सदैव अपने भक्तों को ज्ञान के प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की ओर से प्रतिवर्ष गरीब असहाय लोगों को कंबल जैकेट एवं अन्य वस्त्र वितरित किए जाते हैं। जो आगे भी निरंतर जारी रहेंगे। इस अवसर पर स्वामी रघु वन, स्वामी रवि वन, दिगंबर बलवीर पुरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, दिगंबर गंगागिरी, महंत नीलकंठ गिरी, महंत राधे गिरी, स्वामी आलोक गिरी आदि संत मौजूद रहे।
वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी पहुंचकर मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि संत महापुरुषों के आशीर्वाद से ही देश दुनिया में भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हो रहा है। जिसकी वजह से पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि संतों के आशीर्वाद से ही कुंभ मेला दिव्य भव्य रुप से संपन्न होगा। श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज ने कहा कि धर्म सत्ता एवं राजसत्ता के समन्वय से ही देश उन्नति की ओर अग्रसर रह सकता है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आशीर्वाद प्रदान कर उनकी दीर्घायु की कामना की। ेे
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