हरिद्वार– जयराम आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बापू के ऊपर अनर्गल टिप्पणी करने वाले लोगों पर केंद्र व राज्य सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। प्रेस को जारी बयान में स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे। जिन्होंने देश की आजादी के लिए अनेकों आंदोलन चलाएं और सभी को अहिंसा का संदेश दिया। संतों का कार्य समाज में सद्भाव का वातावरण बनाकर सन्मार्ग की प्रेरणा देना होता है। संत कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं कर सकते। हिंसा की बात करने वाले और भड़काऊ भाषण देने वाले लोग कभी संत नहीं हो सकते। ऐसे लोग भगवा धारण कर संत समाज को भी कलंकित कर रहे हैं। संतों की प्रमुख संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को ऐसे फर्जी संतो के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही शासन प्रशासन को भी ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें कठोर दंड देना चाहिए। ताकि समाज में विद्वेष का माहौल ना पनप सके। उन्होंने कहा कि संत समाज अनादि काल से समाज का मार्गदर्शन करता चला आ रहा है। भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शपूर्ण जीवन का अनुसरण करने वाले कभी भी हिंसा की बात नहीं करते और ना ही करनी चाहिए। किसी भी मंच से किसी भी महापुरुष के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग करना पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि आज कुछ असामाजिक तत्व भगवा चोले को धारण कर संतो को बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं और खुद की पब्लिसिटी के लिए महापुरुषों पर अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं। ऐसे असामाजिक तत्वों को संत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और उनके खिलाफ पूरे देश में अभियान चलाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी को रोकने में राज्य एवं केंद्र सरकार विफल साबित हुई हंै। जहां एक और वह मठ मंदिर में दर्शन और शादी एवं अंतिम संस्कार में लोगों के शामिल होने की संख्या सीमित कर रही है। वहीं रैलियों के माध्यम से लाखों की भीड़ जुटाकर कोरोना महामारी को दावत दे रही है। कोरोना काल में व्यापारी और आम आदमी की कमर पहले ही टूट चुकी है। वही कोरोना नियमों को लागू कर प्रतिबंध लगाने से आर्थिक व्यवस्था और कमजोर होगी और आम आदमी कर्ज के बोझ तले दबेगा। सरकार को तत्काल प्रभाव से सभी सरकारी रैलियां प्रतिबंधित करनी चाहिए और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नियमों का पालन कराना चाहिए। ताकि देश में कोरोना महामारी ना फैले और लोगों को अपनी जान ना गंवानी पड़े।