हरिद्वार समाचार – अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा है कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुंभ मेला भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की अद्भुत पहचान है। जो विश्व पटल पर भारत के स्वरूप को अनूठे स्वरूप में प्रस्तुत करता है। कुंभ मेले को सफल बनाना सभी का दायित्व है। मायापुर स्थित निरंजनी अखाड़े में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के साथ चर्चा के दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर ही हरिद्वार मेला प्रशासन को अपनी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण करनी चाहिए। हरिद्वार के मठ, मंदिरों, अखाड़ों का सौन्दर्यकरण कर धार्मिक कलाकृतियों से सजाया जाए। उन्होंने मेला प्रशासन से मांग की कि उत्तराखण्ड की सीमा से लगने वाले बार्डर पर भव्य द्वार का निर्माण किया जाए। जिससे देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु भक्तों में धार्मिक संदेश जाए। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज व श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र को लाईटों से सजाया जाए। जिससे पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का अदभूत संदेश प्रसारित हो। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु भक्त 12 वर्षो तक हरिद्वार कुंभ मेले के आयोजन का लंबा इंतजार करते हैं। श्रद्धालुओं की आस्था को दृष्टिगत रखते हुए मेला प्रशासन को भव्य व दिव्य रूप से कुंभ मेला संपन्न कराना चाहिए। मुखिया महंत भगतराम महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद व सभी संत महापुरूष कुंभ मेले को भव्य रूप से संपन्न कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। उन्होंने कहा कि घाटों पर महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चेंजिंग रूम बनाए जाएं। पेशवाई मार्ग को जल्द से जल्द से दुरूस्त कर संपूर्ण मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी, मुखिया महंत भगतराम महाराज, श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज, श्रीमहंत धर्मदास महाराज, महंत रविन्द्रपुरी, महंत रामरतन गिरी, महंत दिनेश गिरी, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामशरण दास, महंत रामजीदास, महंत दामोदर दास, महंत प्रेमदास, महंत महेश पुरी, महतं देवेद्र सिंह, महंत जसविन्दर सिंह, महंत देवानन्द, महंत शंकरानन्द, महंत केशवपुरी, महंत गिरीजानन्द सरस्वती, महंत सत्यानन्द, महंत सोमेश्वरानन्द आदि संत महापुरूष मौजूद रहे।