हरिद्वार, 21 अप्रैल। महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही मुक्ति पाने का एक मात्र उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया। सप्त सरोवर मार्ग स्थित अखण्ड दयाधाम में अखण्ड दया धाम वृन्दावन एवं गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट इंदौर की और से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा का श्रद्धालु भक्तों को श्रवण कराते हुए महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज ने जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है। श्रद्धालु भक्तों से भगवत कीर्तन करने, ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान करते हुए कहा कि गंगा की भांति अविरल बहने वाली श्रीमद्भावगत कथा से प्राप्त ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करने से जीवन सफलता की और अग्रसर होता हैं। उन्होंने कहा कि अन्य युगों में मुक्ति पाने के लिए जहां अनेकों यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण और मनन से ही सभी पापों से मुक्ति पायी जा सकती है। ट्रस्टी प्रेम गोयल, विजय गोयल, श्याम अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल एवं पुष्पा देवी, गायत्री वालिया तथा अमित वालिया ने व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु भक्त शामिल रहे।