हरिद्वार समाचार- 21 नवंबर को जूना अखाड़ा स्थित मायादेवी मंदिर में आयोजित की जा रही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में अखाड़ों के प्रतिनिधि कुंभ 2021 को लेकर विस्तृत विचार विमर्श सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने प्रैस बयान में बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि कुंभ मेला सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व है। संत महापुरूषों के सानिध्य में हरिद्वार के गंगा तट पर होने वाले कुंभ मेले से वैदिक सनातन धर्म की अनोखी छठा पूरे दुनिया को देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला शुरू होने का समय लगातार नजदीक आ रहा है। इसको देखते हुए कुंभ मेला प्रशासन को कार्यों की गति तेज करनी चाहिए। कुंभ में आने वाले संतों की छावनियों के लिए भूमि आवंटन, शिविरों में बिजली, पानी, शौचालय, सड़क आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाने चाहिए। जिससे संत महापुरूषों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। पेशवाई मार्गो को भी जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाए। अखाड़ों, आश्रमों, मठ, मंदिरों, हरकी पैड़ी सहित घाटों के सौन्दर्यकरण का कार्य भी समय से पूरा किया जाना चाहिए। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि शनिवार को जूना अखाड़ा स्थित मायादेवी मंदिर में आयोजित की जा रही बैठक में इन तमाम मुद्दों पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष विस्तृत चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए मेला प्रशासन को अपनी तैयारियों को जल्द जल्द से पूरा करना चाहिए। कोरोना के संबंध में जारी सरकारी गाइडलाईन के मुताबिक स्वास्थ्य सुविधाएं मेले के दौरान उपलब्ध करायी जानी चाहिए