हरिद्वार समाचार– श्रावण मास के अंतिम दिन श्री दक्षिण काली मंदिर में भगवान शिव का देश के विभिन्न कोनो से लाए गए दुलर्भ प्रजाति के पुष्पों से श्रंग्रार किया गया और रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की गयी। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि कैलाश वासी भगवान शिव की आराधना सहस्त्र गुना फलदाई होती है और शिव कृपा से ही व्यक्ति की उन्नति के द्वार खुलते हैं। भगवान शिव की महिमा का सार बताते हुए उन्होंने कहा कि देवों के देव महादेव भगवान आशुतोष की आराधना हमें प्रकृति संरक्षण का भी संदेश देती है। गरीब असहाय निर्धन लोगों की मदद करना और मानव सेवा के लिए तत्पर रहना ही भगवान की आराधना का मूल उद्देश्य होना चाहिए। क्योंकि सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति मानव सेवा का संदेश देने वाली है। जिस से प्रभावित होकर विदेशी लोग भी भारतीय सभ्यता को अपना रहे हैं। हमें वेदपाठ का अध्ययन कर अपनी संस्कृति मैं निहित मूल तत्वों को समझना होगा।