हरिद्वार समाचार– निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण में सच्चे मन से की गयी भगवान शिव की आराधना से व्यक्ति का जीवन बदल जाता है और उसके उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। जिससे वह स्वयं को सत्य के मार्ग पर अग्रसर कर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। श्री दक्षिण काली मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु भक्तों को शिव आराधना का महत्व बताते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। उनकी कृपा का पात्र जो व्यक्ति बन जाता है। उसका जीवन स्वयं ही उन्नति की और अग्रसर हो जाता है। देवों के देव महादेव अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर कर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव कृपा से श्रद्धालु को सुख समृद्धि व वैभव की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होने वाले महादेव शिव की आराधना व पूजा अर्चना कभी निष्फल नहीं जाती। भगवान शिव की शक्ति आसुरी शक्तियों से भक्तों की रक्षा कर उनके जीवन का संरक्षण भी करती है। सभी को अपने बच्चों को संस्कारवान बनाकर उन्हें धार्मिक क्रियाकलापों के लिए प्रेरित करना चाहिए और सभी को भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सावन में होने वाले शिव पूजन का विशेष महत्व है। जो श्रद्धालु श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की शरण में आ जाता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का भगवान शिव अवश्य कल्याण करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों ने विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना कर लोककल्याण व कोरोना महामारी समाप्त होने की प्रार्थना की। इस दौरान लालबाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, पंडित प्रमोद पाण्डे, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकंुदानंद ब्रह्मचारी आदि मौजूद रहे।