हरिद्वार समाचार– श्री दक्षिण काली मंदिर में पूरे श्रावण मास चलने वाली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिव आराधना अनवरत् रूप से जारी है। बुधवार को शिवोपसना के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद महाराज ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। भगवान शिव को श्रावण मास अत्यन्त प्रिय है। श्रावण में की गयी देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना व पूजा अर्चना सहस्त्र गुणा पुण्य फलदाई होती है। केवल जलाभिषेक से ही प्रसन्न होन वाले भगवान शिव शरण में आने वाले प्रत्येक भक्त का उद्धार करते हैं। दयालु एवं कृपालु भगवान शिव भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न हो जाते है और मनवांछित फल प्रदान करते हैं। पौराणिक श्री दक्षिण काली मंदिर में मां भगवती के साथ भगवान शिव भी साक्षात रूप से विराजमान हैं। सावन मास में मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक व पूजा अर्चना करने वाले भक्तों को महादेव के साथ भगवती का आशीर्वाद व कृपा भी सहज ही प्राप्त होती है। शिव शक्ति की सम्मिलित कृपा व आशीर्वाद से उन्नति के द्वार स्वतः खुल जाते हैं। जीवन में कोई कष्ट नहीं रहता। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। कार्यक्षेत्र में सफलता और उच्च पद की प्राप्ति है। सावन में सभी श्रद्धालुओं को विधि विधान से भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ बेलपत्र, भांग, धतूरा, शहद आदि अर्पित करने चाहिए। विश्व कल्याण की कामना करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से पीड़ित है। तमाम व्याधियों व कष्टों को हरने वाले भगवान शिव की कृपा से महामारी जल्द ही समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना व पूजा अर्चना करें और साथ ही सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्वयं को व अपने परिवार को बचाएं तथा कोरोना महामारी को समाप्त करने में सहयोग करें। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, समाजसेवी संजय जैन आदि उपस्थित रहे।