हरिद्वार समाचार– निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि भगवान शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं। जो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में सावन के पांचवें दिन रायबरेली सीट से विधायक मनोज पाण्डे एवं उनकी पत्नी नीलम पाण्डे ने स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में पूजा अर्चना की। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को शिव की महिमा का सार बताते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं सहांर के अधिपति भगवान शिव हैं। जो मनुष्य के कर्मों को भली-भांति निरीक्षण कर उन्हें वैसा ही फल प्रदान करते हैं। संपूर्ण सृष्टि शिवमय है, शिव अनादि हैं और संपूर्ण ब्रह्मांड भगवान शिव के अंदर समाया हुआ है। जो व्यक्ति निष्ठा पूर्वक भगवान शिव की आराधना संपूर्ण श्रावण मास करता है। उसकी सभी दुश्वारियां दूर हो जाती हैं और उसे यश वैभव की प्राप्ति होती है। क्योंकि श्रावण मास में की गई भगवान शिव की उपासना अमोघ फल प्रदान करती है। आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव की जटा से निकली पतित पावनी मां गंगा युगों युगों से अविरल बहकर प्राणी मात्र का उद्धार करती चली आ रही है। भगवान शिव और मां गंगा दोनों ही सृष्टि में जीवन का आधार है। प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को इनका महत्व समझना चाहिए और श्रद्धा पूर्वक इनकी उपासना करनी चाहिए। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का महादेव उद्धार करते हैं और श्रावण मास में भगवान आशुतोष की विशेष कृपा श्रद्धालु भक्तों पर बरसती है। क्योंकि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है और भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। इसलिए प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए तभी वह भगवान की कृपा का पात्र बन सकता है। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार समाचार-