हरिद्वार समाचार– ब्रह्मलीन रसानंद महाराज की संपत्ति के मामले को लेकर दावा कर रही महिला तेजेंद्र कौर संत समाज की मान मर्यादाओं को ताक पर रखकर अनर्गल एवं बेबुनियाद झूठे आरोप लगा रही है। महंत गोविन्ददास महाराज ने कहा कि आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज देश दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार वर्षो से कर रहे हैं। देश में लाखों श्रद्धालु उनके प्रवचनों से प्रभावित होकर सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। लेकिन तेजेंद्र कौर नाम की महिला लगातार अनर्गल झूठे आरोप लगाकर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि महिला लगातार कुछ लोगों के साथ सांठगांठ कर अखाड़ों की संपत्ति को गलत नीयत रख कब्जाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिला लगातार इस तरह प्रपंच रच कर ब्लैकमेलिंग कर रही है। पूर्व में भी महिला द्वारा लगातार स्वामी कैलाशानंद गिरी पर आरोप लगाए गए थे। जिन्हें वापस ले लिया गया था। महंत गोविन्ददास महाराज ने कहा कि अखाड़ों की अपनी परंपराएं होती हैं। ब्रह्मलीन होने के पश्चात अखाड़े के संत महापुरूषों द्वारा ही अखाड़ों की कमान सौंपी जाती है। अखाड़ों की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का किसी को भी कोई अधिकार नहीं है। महिला लगातार अखाड़ों की संपत्ति को निजी दर्शा कर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महंत गोविन्ददास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी रसानंद महाराज एक ब्रहमचारी संत थे। महिला लगातार खुद को उनकी पत्नि बताकर समाज में संत समाज की मान मर्यादाओं को ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। इस महिला के पीछे जो भी षड़यंत्रकारी हैं। उनकी भी जांच निश्चित तौर पर होनी चाहि