हरिद्वार, 29 जून। कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि शक्ति स्वरूपा मां भगवती ही जगत की जननी है। श्रद्धा और विश्वास के साथ की गयी मां भगवती की आराधना और पूजा अर्चना से व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। खड़खड़ी स्थित निर्धन निकेतन आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज के संयोजन में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का श्रवण कराते हुए स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि देश में मां भवगती की 52 शक्ति पीठ हैं। 18 भुजाओं वाली मां भगवती शक्ति का अवतार हैं। सभी ग्रंथों में श्रेष्ठ श्रीमद् देवी भागवत का आयोजन और श्रवण दोनों ही कल्याणकारी हैं। श्रीमद् देवी भागवत का श्रवण और मनन करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवती की कृपा से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि मां भगवती के सभी नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करने के साथ देवी स्वरूपा कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी सभी को अवश्य लेना चाहिए। कन्याओं का संरक्षण संवर्द्धन करने के साथ उन्हें शिक्षा और जीवन में आगे बढ़ने के अवसर भी उपलब्ध कराएं। निर्धन निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि सदैव परमार्थ के लिए समर्पित रहने वाले संतों का उद्देश्य मानव कल्याण है। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के प्रभाव से श्रद्धालु भक्तों के कष्ट दूर होंगे और मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि मां भगवती सदैव भक्तों का कल्याण करती है। सभी को भगवती की कृपा प्राप्त करने के लिए धर्मानुकुल आचरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी शिवानंद, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत शिवम गिरी, पंडित अमित थपलियाल, ट्रस्टी नरेंद्र कपूर, विजय सिंहला, जीवन गोयल, प्रेमदत्त, ज्ञानचंद, सीता देवी व बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।