हरिद्वार, 27 सितम्बर। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर एवं निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में मां भगवती की आराधना करने से साधक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। दूसरे नवरात्र पर श्री दक्षिण काली मंदिर में दर्शन व पूजन के लिए आए श्रद्धालुओं को मां भगवती की महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि मां भगवती की शरण में आने वाले श्रद्धालु का उद्धार निश्चित है। मां भगवती बहुत ही दयालु एवं कृपालु हैं। जो अपने भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती हैं। माता के दरबार में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं मां दक्षिण काली पूर्ण करती हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि पर्व मां भगवती की आराधना को समर्पित है। संपूर्ण नवरात्र जो साधक नियमानुसार मां के सभी नौ स्वरूपों की आराधना करते है।ं उनके घर में सुख समृद्धि का वास होता है और उनका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। मां भगवती अत्यन्त ममतामयी और करुणामयी हैं। जो अपने भक्तों का संरक्षण कर उनका जीवन भवसागर से पार लगाती है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि नवरात्रों के अवसर पर श्री दक्षिण काली मंदिर में मां भगवती की विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया है। पूर्ण विधि विधान से की जा रही मां भगवती के सभी नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रों में नौ दिनों तक श्री दक्षिण काली के दर्शन व पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, पंडित आचार्य प्रमोद, महंत रघुवीरानंद, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।