हरिद्वार समाचार – बैरागी कैप क्षेत्र से तीनो बैरागी अनी अखाड़ों का स्थाई निर्माण हटाने पर बैरागी संतों ने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम का जमकर विरोध किया। इस दौरान श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि अनवाश्यक रूप से तीनों बैरागी अनी अखाड़ों के निर्माण को अवैध अतिक्रमण का नाम दिया जा रहा है। आदि अनादि काल से बैेरागी कैंप की कुंभ मेला भूमि तीनो बैरागी अखाड़ों के लिए आरक्षित चली आ रही है। लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए प्रशासन व अधिकारियों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। कुछ संत भी बैरागी कैंप की भूमि को लेकर औछी राजनीति कर रहे हैं। बैरागी संतों के खिलाफ अंदरूनी षड़यंत्र कर बैरागी अखाड़ों के लिए आरक्षित भूमि पर किए जा रहे निर्माण को अवैध अतिक्रमण का नाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप भूमि पर अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम ने हनुमान मंदिर का ध्वस्तीकरण मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाकर हिंदुओं की भावनाओं का अनादर किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य दोनों जगह हिंदुओं की सरकार होते हुए भी हिंदू धर्म पर कुठाराघात किया जा रहा है। जिसे किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की सत्यता का पता लगाना चाहिए। किसी भी सूरत में प्रशासन की हठधर्मिता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मांग की कि अवैध अतिक्रमण के नाम पर बैरागी संतों का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। अतिक्रमण के नाम पर केवल बैरागी संतों को निशाना बनाने के बजाए पूरे बैरागी कैंप में अवैध अतिक्रमण कर किए गए सभी निर्माण हटाए जाएं और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। जो उच्चाधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि अधिकारी अतिक्रमण के नाम पर मंदिर को तोड़कर उसमें स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा भी ले गए हैं। जो पूरी तरह धर्मविरोधी कार्य है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हनुमान जी को प्रतिमा को तत्काल वापस लाकर पूर्ण विधि विधान के साथ मंदिर में पुनःस्थापित किया जाए। यदि मूर्ति पुनः स्थापित नहीं की गयी तो पूरे देश के वैष्णव संत सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास नगरिया महाराज ने कहा कि मन्दिर तोड़ने व भगवान हनुमान की मूर्ति का अनादर करने जैसा कृत्य करने वाले अधिकारियों को भगवान माफ नहीं करेंगे। अधिकारियों को इसका फल भुगतना होगा। धर्म पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महंत नरेंद्रदास एवं महंत महेशदास महाराज ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त उत्तराखण्ड के अधिकारी लगातार शासन व कोर्ट को गुमराह कर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे करवा रहे हैं। गंगा किनारे बने हजारों होटल और बैरागी कैंप क्षेत्र में बसी आबादी इसका पुख्ता सबूत है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और जेल भेजा जाए। महंत रामदास, महंत मनीष दास, महंत प्रेमदास, महंत बिहारी शरण दास, महंत रघुवीर दास, महंत नागा सुखदेव दास, ब्रह्म बाबा, महंत वैष्णव दास, ब्रह्माण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, महंत अमितदास आदि संतों ने भी प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए निंदा की।