हरिद्वार– शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा है कि तबलीगी जमात पर केंद्र सरकार को तत्काल रुप से बैन लगाना चाहिए और जमात से जुड़े बैंक खातों की जांच करानी चाहिए। विदेशी फंडिंग के जरिए तबलीगी जमात समाज में विघटन पैदा करने का कार्य कर रही है और हिंदुओं के लिए बड़ा खतरा है। भूपतवाला स्थित शांभवी धाम में प्रैस को जारी बयान में महामंडलेश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि हरियाणा के मेवात गांव में तबलीगी जमात के कारण आज दलित समाज का बड़ी संख्या में पतन हुआ है। तबलीगी जमात के लोग जहां जहां भी जाते हैं वहां का एकता और भाईचारा इनके कारण खंडित होता है। यह लोग समाज के एक विशेष वर्ग को भड़का कर देश में सांप्रदायिक माहौल को खराब करते हैं। इसलिए केंद्र सरकार को तबलीगी जमात पर बैन लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अधिकतर मुस्लिम देश और हाल ही में सऊदी अरब ने भी तबलीगी जमात संगठन पर बैन लगाया है। इसलिए भारत सरकार को भी समय रहते इस पर कड़ा कदम उठाना चाहिए। स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि एक साजिश के तहत संपूर्ण भारत में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दों को एक विशेष समुदाय द्वारा बढ़ावा देकर सनातन धर्म को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संपूर्ण देश की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए हिंदू समाज धीरे-धीरे एकजुट हो रहा है और ऐसे किसी भी संगठन अथवा विदेशी ताकत को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि कुछ लोगों का यह कहना कि 2024 में एक धर्म विशेष की सरकार बनेगी, पूरी तरह गलत हैै। ऐसा कभी नहीं होगा। भारत सनातन धर्म को मानने वालों का देश है। देश में जो भी सरकार बनेगी वह हिन्दुओं की ही सरकार होगी। उन्होंने कहा कि संत महापुरुष समाज का मार्गदर्शन कर ज्ञान और धर्म की प्रेरणा देते हैं। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व देश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ कर तनाव पैदा करना चाहते हैं और हिंदुओं को निशाना बनाकर सनातन धर्म को तोड़ना चाहते हैं, पर अब वक्त बदल चुका है हिंदू समाज एवं हिंदू युवा धीरे-धीरे जागृत हो रहा है और ऐसा करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि जिस प्रकार वसीम रिजवी ने धर्मांतरण कर हिंदू धर्म अपनाया है, वह स्वागत योग्य है और उन्हें आशा है कि धीरे-धीरे सभी हिंदू भाई बहन घर वापसी करेंगे और जो व्यक्ति सत्य सनातन धर्म को पहचान लेगा वह अवश्य ही सनातनी बनकर देश और राष्ट्र की रक्षा के लिए तत्पर रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग करके मुख्यमंत्री धामी द्वारा संत समाज को सम्मान दिया गया है। ठीक उसी प्रकार संत समाज मांग करता है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मठ मंदिरों की मुक्ति एवं उनके जीर्णोद्धार के लिए एक कड़ा कानून बनाए। जिससे भविष्य में किसी भी मठ मंदिर का अधिग्रहण ना हो और दुर्गम अवस्था में पड़े मठ मंदिर एवं आश्रम अखाड़ों का जीर्णोद्धार सरकार की व्यवस्था द्वारा हो सके। स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने बताया कि उनके द्वारा उत्तराखंड में चार गुरुकुल की स्थापना की जाएगी। जल्द ही हरिद्वार में गुरुकुल की स्थापना कर आदर्श पद्धति द्वारा छोटे विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। गुरुकुल पद्धति विलुप्त होने के कारण ही आज हमारा समाज विघटन की ओर बढ़ रहा है और देश पर पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों में सनातनी संस्कार जागृत कर उन्हें अपने धर्म के विषय में बोध कराना ही प्रत्येक मां बाप एवं संत समाज का कर्तव्य है। जिसका निर्वहन भली-भांति होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुकुल की स्थापना होने से भारत पुनः सोने की चिड़िया कहलायेगा और वह दिन दूर नहीं जब विश्व गुरु के रूप में संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करेगा।