हरिद्वार समाचार– बैरागी अखाड़ों के संतों ने मेला प्रशासन से बैरागी संतो के लिए बैरागी कैंप में भूमि आवंटन की मांग की है बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में प्रेस वार्ता के दौरान बाबा हठयोगी दिगंबर ने कहा कि वृंदावन मेले के बाद बड़ी संख्या में वैष्णव संत हरिद्वार आगमन करेंगे जिनके रहने के लिए मेला प्रशासन को जल्द से जल्द भूमि चिन्हित कर प्लॉट आवंटन करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सुविधाएं देती है तो ठीक है अन्यथा खाली भूमि का आवंटन कर दिया जाए। बाकी सभी सुविधाएं वैष्णव संत स्वयं कर लेंगे उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भी वैष्णव संत खुले में रहते थे। कोरोना नियमों को देखते हुए इस बार वैरागी संत अपनी सभी तैयारियां अपने स्तर पर करेंगे उन्होंने कहा कि प्रशासन शासन को लिखित रूप में जानकारी प्रदान करें जिसके बाद तहसीलदार द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाए। क्योंकि जब खालसा आएंगे तब शिविर अथवा टेंट ना लगने से वह आपस में लड़ेंगे जोकि मेला प्रशासन के लिए भी मुसीबत बनेंगा। बाबा हठयोगी ने कहा कि जब 10 अखाड़ों की छावनी लग रही है। तो वैष्णव संतो की छावनी भी लगनी चाहिए अन्यथा बैरागी संत कहां जाएंगे उन्होंने 25 तारीख को होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक पर कहा कि उनका अपना विचार है। किस तरह के निर्णय अखाड़ा परिषद द्वारा लिये जायेगें उन्होंने कहा कि बिना किसी एजेंडे के कोई बैठक सम्भव नहीं है 10 दिन पूर्व बैठक का एजेंडा सभी 13 अखाड़ो में सूचना के लिए भेजा जाता है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि बैठक मंे किस तरह के प्रस्ताव पारित करेगें वह अपने आप में सक्षम है। और बैरागी संतो को आशा है कि कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर ही बैरागी संतो के पक्ष में निर्णय लेगें। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्या महाराज ने कहा है। कि मेला प्रशासन को जल्द से जल्द बैरागी संतों के लिए सुविधा उपलब्ध करा देनी चाहिए। सुविधाएं न मिलने से वैष्णव संतो को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा इसलिए मेला प्रशासन जल्द से जल्द भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अखाड़ा परिषद की आगामी बैठक बैरागी कैंप में होती है तो ही वैष्णव संत उसमें शामिल होंगे अन्यथा किसी और अखाड़े में बैठक होने पर वैष्णव संत बैठक में भाग नहीं लेंगे क्योंकि सभी अखाड़ों के कार्य हो रहे हैं और बैरागी संतों की उपेक्षा की जा रही है इसलिए वैष्णव संत इसे सहन नहीं करेंगे करेगा और महामंत्री पद बैरागी अखाड़ों को मिलेगा। तब ही अखाड़ा परिषद की बैठक की जाएगी निमोही अखाड़े के सचिव महंत रामशरण दास महाराज ने कहा है कि बैरागी संतों की उपेक्षा किया जाना भी अखाड़ा परिषद की ही देन है उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप स्थित रामानंदाचार्य गेट का भी जीर्णोद्धार मेला प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है। बैरागी के संतों की लगातार उपेक्षा से संतों में गुस्सा लगातार बढ़ रहा है मेला प्रशासन यदि समय पर नहीं जागेगा तो वैरागी संत बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे जिससे संपूर्ण भारत में उत्तराखंड सरकार की छवि धूमिल होगी और इसकी जिम्मेदारी स्वयं उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन की होगी। इस दौरान उन्होने बतया कि 27 फरवरी से बैरागी संतो के खालसे हरिद्वार में आगमन करने लगेगे प्रशासन को बैरागी कैम्प क्षेत्र की व्यवस्थाए दुरूश्त करनी चाहिए। महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, महंत नारायण दास, पटवारी महंत प्रमोद दास, महंत अगस्त दास, महंत सिंटू दास, महंत अमित दास मंहत रामदास मंहत लोकेशदास मंहत सूरजदास मंहत अवध वीहारी दास सहित सभी संतों बैरागी संतों के लिए सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।