हरिद्वार, 12 मार्च। बाघम्बरी गद्दी पीठाधीश्वर महंत बलवीर गिरी ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति का संरक्षण और श्रद्धालु भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर सद्मार्ग पर अग्रसर करना ही संत महापुरूषों के जीवन का उद्देश्य है। निरंजनी अखाड़ा स्थित कार्तिकेय मंदिर में श्रद्धा भक्तों के साथ पूजा अर्चना कर विश्व शांति की कामना करते हुए महंत बलवीर गिरी ने कहा कि शिव स्वरूप संतों के सानिध्य में भक्त का कल्याण अवश्य होता है। सभी को सद्गुरू के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। जूना गढ़ गुजरात से आयी साध्वी माता नर्मदापुरी ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले संत सदैव परमार्थ को समर्पित रहते हैं। परमार्थ ही संतों के जीवन का उद्देश्य है। संतों द्वारा प्रदत्त ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए जीवन व्यतीत करने वाले भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज व महंत हरगोविंद पुरी महाराज ने कहा कि समाज को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने के साथ संत समाज विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से जरूरतमंदों की सेवा में भी योगदान कर रहा है। इस अवसर पर स्वामी आशुतोष पुरी, स्वामी अमित गिरी, दिगम्बर मधुरवन, दिगम्बर विनोद गिरी, दिगम्बर उमेश भारती सहित कई संत मौजूद रहे।