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  हरिद्वार समाचार-जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री व बाल योगी श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद भूपतवाला स्थित अमीरगिरी धाम आश्रम में आयोजित कार्यक्रमें में संत समाज ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संत महंतों के सानिध्य में आश्रम के उत्तराधिकारी के रूप में ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज की शिष्या गीता मनीषी साध्वी डा.राधागिरी को तिलक चादर पहनाकर गद्दी पर बिठाया गया। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज एक महान संत थे। उनका पूरा जीवन “सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया” पर आधारित रहा है।
विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज के लिए निश्चित रूप से अपूरणीय क्षति है। उन्होंने सदैव गरीब और असहाय लोगों की सहायता कर मानव सेवा की। राष्ट्र कल्याण में उनके अहम योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। कोरोना काल में उनके द्वारा की गई मानव सेवा का संपूर्ण समाज साक्षी है। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करते हुए सच्चे मन से संतों की मान मर्यादाओं के अनुरूप कार्य किया। वे हमेशा गौ सेवा एवं गंगा सेवा के लिए तत्पर रहे। नवनियुक्त महंत गीता मनीषा डा.राधागिरी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराधिकारी के रूप में वे आश्रम की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज के सिद्धांतों का पालन करते हुए आश्रम के कार्यों को पूरी कर्तव्यनिष्ठा से आगे बढ़ाएंगी। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि महापुरूष केवल शरीर त्यगाते हैं। समाज कल्याण के लिए उनका आत्मा सदैव उपस्थित रहती है। ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज एक दिव्य महापुरूष थे। जिन्होंने गंगा स्वच्छता व निर्मलता के लिए लंबे समय तक आंदोलन कर समाज को महत्वपूर्ण संदेश दिया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महापुरूषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज ने भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर पूरे देश में भावी पीढ़ी को संस्कार बनाया। राष्ट्र कल्याण में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। बाबा अमीरगिरी धाम की नवनियुक्त महंत गीता मनीषी साध्वी डा.राधागिरी ने कहा कि संत समाज ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। उसका पूरी कर्तव्य निष्ठा से निर्वहन करते हुए पूज्य गुरूदेव द्वारा गंगा तट से जो सेवा प्रकल्प प्रारम्भ किए गए थे। उनमें निरंतर बढ़ोतरी कर समाज की सेवा की जाएगी। इस अवसर पर महंत देवानंद सरस्वती, श्रीमहंत साधनानंद, महंत कमलदास, महंत सच्चिदानदं, महंत रामकृष्ण दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानदं, स्वामी दिनेश दास, महंत दुर्गादास, महंत सुमित दास, महंत बुधगिरी, पहलवान बाबा, स्वामी राजेश गिरी, स्वामी केशवानंद, महंत महेशपुरी, महंत धीरेंद्र पुरी, अष्टकौशल महंत हरेराम गिरी, श्रीमहंत आराधना गिरी, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत श्याम प्रकाश, महंत विनोद महाराज, गीतांजलि जखमोला, सत्येंद्र धमांदा, शिवानी भट्ट, दिव्या बेलवाल, पंकज पाल, मुकेश गौनियाल, वेद ग्वाडी, राजपाल नेगी, विनोद भट्ट, सुरेंद्र रयाल, मनोज जखमोला, अंकित बिजलवान, चंद्रकला बेलवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

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