हरिद्वार समाचार– कुुभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने बैरागी कैंप पहुंचकर अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्री पंच दिगम्बर अनि अखाड़े के श्रीमहंत कृष्णदास, श्री पंच निर्वाणी अनि अखाड़े के श्रीमहंत धर्मदास व अन्य वैष्णव संतों से मुलाकात की। इस दौरान बैरागी अखाड़ों के संतों ने मेलाधिकारी से 2010 के कुंभ की तरह जमीन का आवंटन कर बिजली, पानी, शौचालय और सड़कों की दशा सुधारने के साथ अतिक्रमण हटाने, तीनों अखाड़ों के अनुसार तंबू की व्यवस्था करने, मुख्य द्वार पर पेंटिंग कराने, धोबी घाट के दोनों ओर की जमीन को खाली कराकर तुरंत कार्य शुरू कराने की मांग करते हुए अपनी ओर से पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बधाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा कुंभ मेले में संतों के टेंट, शिविर आदि लगाने का निर्णय लिया जाना सराहनीय हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने सनातन संस्कृति की महत्ता को समझते हुए राज्य में नेतृत्व परिवर्तन कर नवनियुक्त मुख्यमंत्री को कुंभ मेला दिव्य व भव्य रूप से कराने का निर्देश दिया। इसके लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। अब मेला प्रशासन को देरी ना करते हुए बाहर से आने वाले संतों के लिए सभी मूलभूत व्यवस्थाएं उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैरागी संत कुंभ मेले के प्राण हैं। वैष्णव संतों के बिना कुंभ मेला अधूरा है। इसलिए देश भर से आने वाले बैरागी खालसों, संतों महंतों के लिए भूमि आवंटन कर प्लाॅट काटे जाएं। जिससे वे कुंभ से जुड़ी व्यवस्थाएं कर सकें। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि जो भी व्यक्ति भगवान राम और कृष्ण से जुड़ी परंपराओं का ह्रास करेगा वह किसी उच्च पद पर नहीं रह सकता। चाहे वह मुख्यमंत्री हो या उससे भी वरिष्ठ नेता हो। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत में सोच समझ की बेहद कमी है। उन्हें अभी अध्ययन की ओर जरूरत है। वह सचिवालय में कमरा लें और वहां राम नाम जपें। ताकि उन्हें सनातन संस्कृति का ज्ञान हो सके। श्री पंच निर्वाणी अनि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अथक प्रयास और बैरागी संतों के संघर्ष के बाद सरकार ने साधु संतों की भावनाओं का सम्मान करते हुए जो निर्णय लिया है वह सराहनीय है। देव कार्य में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जाना चाहिए। धार्मिक अनुष्ठानों व ईश्वर का नाम लेने से कोरोना अपने आप भाग जाएगा। इसलिए कोरोना की आड़ लेकर कुंभ के आयोजन में व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भगवान का भजन करें और अपने परिवार में संस्कार बनाएं। धर्म के रास्तें में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं करें। अधिकारी कुंभ मेले को धर्म का कार्य मानते हुए कर्तव्य पालन करें। श्री पंच दिगंबर अनि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते बैरागी कैंप में संतों को सुविधाएं उलब्ध कराने व मेला कार्यो में जो देरी हुई है। उसे भुलाकर तेजी से सभी कार्य पूरे किए जाएं। ताकि बाहर से आने वाले संतों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। मेलाधिकारी दीपक रावत ने संतों को आश्वासन देते हुए कहा कि दिन-रात काम करके बैरागी कैंप में बजली, पानी, शौचालय, सड़क आदि से सम्बंधित जो भी व्यवस्थाएं हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को हमेशा ही संतों का सहयोग मिलता रहा है। संतों और प्रशासन के समन्वय से कुंभ मेला दिव्य और भव्य रूप से संपन्न होगा। मेलाधिकारी ने जल निगम अधिकारियों को बैरागी कैंप क्षेत्र में पानी का छिड़काव करने के निर्देश भी दिए। वैष्णव अखाड़ों के संतों के बताने के अनुसार मेलाधिकारी के निर्देश पर अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह, तहसीलदार मंजीत सिंह आदि ने राजस्व टीम के साथ जमीन की पैमाइश शुरू की। इस अवसर पर महंत रामशरण दास, महंत रामजीदास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मोहनदास, महंत सुखदेव दास, स्वामी अमित दास, कामधेनु बाबा, महंत विष्णु दास, महंत प्रहलाद दास, महंत अगस्त दास, महंत भगवान दास, महंत दिव्य राम दास, महंत गोपाल दास, महंत राम छबीला दास, महंत रामदास, महंत धना पीठाधीश्वर, महंत कामधेनु बाबा, महंत भगवान दास खाकी, महंत अमित दास, अपर मेलाधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र, उप मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, सेक्टर मजिस्ट्रेट अजयवीर सिंह, पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता मो.मीसम सहित लोक निर्माण, बिजली, सिंचाई, जल संस्थान आदि सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।