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 देहरादून समाचार– कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। सामान्य ढंग से चल रही जिंदगी अचानक बेपटरी हो गई। एक समय में तो तेजी से फैल रहे संक्रमण ने  किसी को संभलने तक का मौका नहीं दिया। लेकिन महामारी के खौफ के बीच आयुष्मान योजना देवदूत बन कर आई, और 2500 से अधिक लोगों का आयुष्मान के अन्तर्गत मुफ्त में उपचार हुआ। प्राणघातक बने कोरोना से मुक्त होकर अब वह स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।

चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े जानकारों के लिए पहेली रहे कोरोना वायरस ने चुपके से जब अपना प्रभाव दिखाया तो चिकित्सा क्षेत्र के बड़े इंतजाम भी कुछ मौकों पर पुख्ता नहीं हो सके। वहीं महंगा उपचार होने के कारण कोरोना का संक्रमण और भी अधिक मारक हो सकता था। लेकिन गनीमत रही कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए आयुष्मान देवदूत बनकर सामने आई। इसके अंतर्गत कोरोना का महंगा इलाज भी मरीजों को मुफ्त में मिला और इससे कई लोगों को कोरोना संक्रमण जैसी जानलेवा बीमारी से मुक्ति मिली।

सवाल यह है कि यदि आयुष्मान योजना का राज्य में संचालन सही से नहीं होता तो कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए 24 करोड़ जैसी भारी भरकम राशि का खर्चा संभव हो पाता? तय है कि इसका जवाब ना में ही होगा। सुखद रहा कि यहां आयुष्मान योजना देवदूत बनकर सामने आई है। और कोरोना जैसी जानलेवा साबित होती बीमारी से  2500 से अधिक मरीजों को नई जिंदगी मिल गई। इस उपकार के लिए अब हर कोई प्रदेश सरकार का आभार जता रहा है।

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