हरिद्वार– श्री राम कथा मर्मज्ञ संत विजय कौशल महाराज ने कहा है कि श्रीराम कथा तन मन को पवित्र कर उज्जवल करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है। यह भगवान की लीला चरित्र व गुणों की गाथा है। जिसके श्रवण और कथन के प्रति हमेशा एक नवीनता का भाव बना रहता है। जो श्रद्धालु भक्त भक्ति भाव का रसपान कर लेता है। वह भवसागर से पार हो जाता है। कनखल स्थित हरे राम आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को श्री राम कथा का श्रवण कराते हुए विजय कौशल महाराज ने कहा कि भगवान राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करने से श्रोता के भीतर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। प्रभु श्री राम ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए समाज के सामने ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया। जिसके अनुसरण से मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है। इसलिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन को आदर्श बना कर हम सभी को सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहना चाहिए। हरे राम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि संत की कृपा से सत्संग मिलता है और जब संतों की विशेष कृपा होती है तो समागम मिल जाता है। रामकथा के जरिए मनुष्य का जीवन संवर जाता है और वह बुरे कर्म छोड़कर नेकी की राह पर चल पड़ता है। उन्होंने कहा कि सत्य के आचरण के आधार पर ही हम एक दूसरे पर विश्वास करते हैं और परस्पर विश्वास पर ही संपूर्ण समाज की रचना टिकी हुई है। आस्था का सच्चा भाव मनुष्य को आत्म केंद्रित और शांतिप्रिय बनाता है। उसके मन मस्तिष्क में एकाग्रता उत्पन्न होती है। फल स्वरुप वह संयमित और मर्यादित होने लगता है। इसलिए श्री राम कथा का व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि श्री राम कथा के श्रवण से अति उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और कथा सुनने वालों पर प्रभु श्रीराम के साथ-साथ हनुमान जी की भी कृपा बरसती है। राम कथा भक्त और परमात्मा के मिलन का माध्यम है। सच्चे हृदय से कथा का श्रवण करने पर सहस्र गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसलिए कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए और अपने परिवार और बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। कथा के दौरान भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया गया और श्रद्धालु भक्तो ंने संत महापुरूषों पर पुष्पवर्षा कर प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर डा.जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा.अश्वनी चैहान, मयंक गुप्ता, कोठारी स्वामी परमेश्वर मुनि, स्वामी रामसागर, साध्वी प्रभा मुनि, स्वामी संतोषानंद, भाजपा नेत्री अनिता शर्मा, भाजपा नेता ओमकार जैन, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत दामोदर दास, महंत गोविंद दास, महंत प्रेमदास, महंत दामोदर शरण दास, महंत श्रवण मुनि, महंत निर्मल दास, महंत जयेंद्र मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप, महंत केशव मुनि आदि मौजूद रहे।