हरिद्वार समाचार– आज श्रावणी अमावस्या के दिन 08 अगस्त 2021 को उत्तराखंड क्रांति दल हरिद्वार के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने ऋषिकुल पुल क़े समीप मालवीय घाट के नज़दीक के घाट का उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीद घाट नामकरण किया और उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में हुए शहीदों को मोम्बत्तीयाँ जला कर याद करते हुए श्रधान्जली अर्पित करी।
ज्ञात हो कि उत्तराखंड क्रांति दल ने गत वर्ष फरवरी में ज्ञापन देकर कुम्भ मेला अधिकारी 2021 से मांग करी थी कि हरिद्वार में निर्मित किसी एक घाट का नाम उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीद घाट उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान हुए शहीदों की याद्गार के रुपमें रखा जाये। उस समय कुम्भ मेला 2021 अधिकारी द्वारा आश्वासन भी दिया गया था कि हरिद्वार में निर्मित किसी एक घाट का नाम उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीद घाट रखा जा सकता है परन्तु कुम्भ मेला 2021 के दौरान वे भूल गये इसलिये उत्तराखंड क्रांति दल हरिद्वार के प्रमुख राज्य आन्दोलनकारी व कार्यकर्ताओं ने स्वयं किसी एक घाट को शहीदों के नाम करने का निर्णय किया।
उत्तराखंड क्रांति दल हरिद्वार के प्रमुख राज्य आन्दोलनकारियों का कहना है कि उत्तराखण्ड राज्य के प्रवेश द्वार पर शहीदों की याद्गार में घाट का नामकरण हो जाने से राज्य आन्दोलनकारी एक ज़ुट होंगे और प्रत्येक माह की अमावस्या के दिन श्रधान्जली अर्पित करने हेतु एकत्र अवश्य होंगे और यह स्थान भविष्य में इस तीर्थ में उत्तराखण्ड्वासियों को राज्य आन्दोलनकारियों की शहादत को याद दिलाता रहेगा कि राज्य आन्दोलन की अवधारणा को मूर्त रूप देना है।
पिछले 20 वर्षों से बारी बारी से उत्तराखंड राज्य में भाजपा और कांग्रेस की सरकारी रही हैं इन दोनों ही सरकारों ने प्रदेश को बारी-बारी से लूटने का काम किया है। अब एक और बाहरी दल लाइन में खडा हो गया है।
पिछले 20 वर्षों में राज्य आन्दोलन की उस पांच सूत्री अवधारणा 1-आजीविका हेतु पलायन, 2-स्थानीय स्तर पर चिकित्सा, 3-स्थानीय स्तर पर शिक्षा, 4-स्थानीय आवश्यकतानुसार विकास कार्य एवं 5-उत्तराखण्ड प्रदेशवासी का जल जंगल ज़मीन पर स्वपयोग का हक को भूल गये।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीद घाट के नामकरण अवसर पर रवींद्र वशिष्ठ, श्रीमति सरिता पुरोहित, चौधरी बृजवीर सिंह,प्रदीप उपाध्याय, संजय उपाध्याय, प्रशान्त उपाध्याय, तरुण जोशी, डॉ ज्ञानवीर सिंह एडवोकेट, विजय भारद्वाज, पप्पू शर्मा, शहज़ाद अली।